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आयकर विभाग ने बेंगलुरू और हैदराबाद स्थित दो रियल एस्टेट समूहों पर छापामारी अभियान चलाया
By Deshwani | Publish Date: 11/7/2022 10:23:51 PM
आयकर विभाग ने बेंगलुरू और हैदराबाद स्थित दो रियल एस्टेट समूहों पर छापामारी अभियान चलाया

दिल्ली। आयकर विभाग ने बेंगलुरू और हैदराबाद स्थित दो प्रमुख रियल एस्टेट समूहों पर छापामारी और जब्ती अभियान चलाया। ये समूह वाणिज्यिक/आवासीय भवनों के निर्माण/बिक्री/पट्टा और शैक्षणिक व आतिथ्य सेवाओं के व्यवसाय में शामिल हैं। इस अभियान के तहत बेंगलुरू, हैदराबाद और चेन्नई स्थित 40 से अधिक परिसरों पर छापामारी की कार्रवाई की गई।






इस छापामारी अभियान के दौरान दोषी ठहराने योग्य कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल सबूत जब्त किए गए। इन जब्त किए गए सबूतों के प्रारंभिक विश्लेषण से पता चला है कि भूमि मालिकों ने बेंगलुरु स्थित एक डेवलपर के साथ संयुक्त विकास समझौता (जेडीए) किया था। उन्हें विभिन्न परियोजनाओं के विकास के लिए दी गई भूमि के बदले डेवलपर से सुपर बिल्ट-अप (निर्मित) क्षेत्र प्राप्त हुआ। हालांकि, भूमि मालिक परियोजनाओं के लिए समाप्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर लेने के बावजूद लेन-देन से होने वाले पूंजीगत लाभ की घोषणा करने में विफल रहे हैं। इस तरह के अघोषित पूंजीगत लाभ की धनराशि 400 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है।





छापामारी अभियान में जब्त किए गए दस्तावेजों के प्रारंभिक विश्लेषण से यह भी पता चला है कि इन समूहों ने रियल एस्टेट इकाइयों की बिक्री से चिह्नित किए जाने योग्य राजस्व को लेकर 90 करोड़ रुपये की आय को छिपाया है। इसके अलावा दोनों समूहों ने निर्माण और विकास व्यापार में महंगाई दिखाकर 28 करोड़ रुपये के खर्च की कर-चोरी में शामिल हैं, फर्जी खरीद का दावा किया है और निर्माण सामग्री की ओवर-इनवॉइसिंग (वास्तविक से अधिक व्यय दिखाना) का सहारा लिया है।





वहीं, यह भी पाया गया है कि दोनों समूहों की मुख्य संस्थाओं की ओर से गैर-व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए ब्याज-वहन वाली उधार धनराशि को संबंधित संस्थाओं/पक्षों को भेज दिया गया है। इन समूह की कंपनियों के बीच अग्रिम/ऋण से जुड़े लेन-देन के साक्ष्य भी पाए गए हैं, जो डीम्ड डिविडेंड (लाभांश) की प्रकृति का हिस्सा हैं और आय के रूप में कर योग्य हैं।




छापामारी कार्रवाई में शामिल ट्रस्ट के मामले में यह पाया गया है कि ट्रस्ट निर्दिष्ट उचित समय सीमा के भीतर पंजीकृत ट्रस्ट समझौते के लक्ष्यों के अनुरूप निर्दिष्ट उद्देश्य के लिए 40 करोड़ रुपये की संचित धनराशि का उपयोग करने में विफल रहा है। अब तक की गई छापामारी की कार्रवाई में 3.50 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी और 18.50 करोड़ रुपये के सोना, चांदी व आभूषण जब्त किए गए हैं।

आगे की जांच जारी है।
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