पूर्णिया, (हि.स.)| बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रमंडल स्तर पर बच्चों के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए बच्चों के लिए संचालित विभिन्न संरक्षण गृहों का निरीक्षण किया ।
जिला शिक्षा पदाधिकारी, पूर्णिया ने बुधवार को बताया कि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत सभी निबंधित निजी विद्यालयों में ग़रीबों के लिए आरक्षित 25 प्रतिशत सीट के संदर्भ में जिलेवार जानकारी ली गई । उन्होंने बताया कि पूर्णिया जिले में शिक्षा का अधिकार कानून के तहत कुल 572 सीटों के विरूद्ध 346 बच्चों का नामांकन विभिन्न विद्यालयों द्वारा किया गया है। इस प्रमंडल के अन्य जिले को भी इस संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निदेश आयोग ने दिया।
इस बीच शिक्षा विभाग के अधिकारियों को बच्चों की उपस्थिति पर नजर रखने का निर्देश जारी किया। शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि आयोग ने विभिन्न बाल गृहों में शिक्षकों के प्रतिनियोजन का आश्वासन दिया । आयोग के सदस्यों ने जिलावार मध्याह्न भोजन के क्रियान्वयन की समीक्षा की और सभी मध्याह्न भोजन के प्रभारी पदाधिकारियों को भोजन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया । विभिन्न जिलों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन के बारे में भी जानकारी ली गई तथा आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये गए ।
समीक्षा बैठक में प्रमंडल के सभी जिलों में संचालित बालगृह, बालिका गृह, खुला आश्रय के स्थिति पर चर्चा की गई। पर्यवेक्षण गृह के निरीक्षण के क्रम में साफ-सफाई, खाने की गुणवत्ता तथा चिकित्सीय सुविधा में कमी को देखते हुए आयोग ने इस पर त्वरित गति से काम करने का निर्देश दिया।
बाल गृह में दिव्यांग बच्चों के समुचित इलाज के प्रबंधन के लिए भी आयोग ने अपने स्तर से प्रयास करने का आश्वासन दिया साथ ही बालक-बालिका गृह में बच्चों के पठन-पाठन के लिए शिक्षकों के प्रतिनियोजन, किशोर न्याय परिषद में एक मनोवैज्ञानिक की नियमित नियुक्ति करने के अलावा अंशकालीन सेवा के लिए भी कारवाई करने का भरोसा दिलाया । शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि अररिया में बाल कल्याण समिति के नहीं होने पर कड़ा संज्ञान लेते हुए आयोग ने इसे सुपौल जिला से संबंद्ध किया ।