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बिहार
बेरोजगारी, भ्रष्‍टाचार, सीएए व शिक्षा की बदहाली के खिलाफ जविपा ने बनाई मानव श्रृंखला
By Deshwani | Publish Date: 18/2/2020 7:56:43 PM
बेरोजगारी, भ्रष्‍टाचार, सीएए व शिक्षा की बदहाली के खिलाफ जविपा ने बनाई मानव श्रृंखला

पटना बेरोजगारी, भ्रष्‍टाचार, CAA - NRC व शिक्षा की बदहाली के खिलाफ आज जनतांत्रिक विकास पार्टी के द्वारा राजधानी पटना में कारगिल चौक से सचिवालय तक मानव श्रृंखला लगाया गया, जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार के साथ पटना की जनता और हजारों छात्र - नौजवान शामिल हुए। इसके अलावा मानव श्रृंखला को बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह का भी साथ मिला, जिन्‍होंने कहा कि भ्रष्‍टाचार, बेरोजगारी, किसानों के सवाल, स्‍वास्‍थ्‍य और शिक्षा की गिरती व्‍यवस्‍था समेत मौलिक सवाल लेकर बनी मानव श्रृखंला को समर्थन देने आये हैं। उन्‍होंने कहा कि आज बिहार में सरेआम अपराधियों के हाथों लोग मारे जा रहे हैं। बेवजह एनपीआर, एनआरसी और सीएए को लाकर देश को मूल मुद्दों से भटकाया जा रहा है। देश की संपत्ति रेल, बीमा कंपनी, हवाई अड्डे, तेल कंपनियों को सरकार बेच रही है। सरकार खुद मुठ्ठीभरी पूंजीपतियों के हाथों बिक चुकी है और इस मुद्दे से ध्‍यान भटकाने के लिए हिंदू - मुसलमान और जात – पात कर रहे हैं।  

 
 
इससे पहले जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खुला चैलेंज देते हुए कहा कि अगर उनमें हिम्मत है तो बिना सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग किये, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और शिक्षा की बदहाली के खिलाफ मानव श्रृंखला लगा कर दिखाएं। अनिल कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार ने अपने 15 सालों के राज में प्रदेश में बेरोजगारों की फौज खड़ी कर दी है। इन 15 सालों में उनकी सरकार एक भी उद्योग बिहार में नहीं लगा पायी। अनिल कुमार ने पलायन के मुद्दे पर भी नीतीश कुमार को घेरा और कहा कि बेरोजगार युवा आज भी रोजगार की तलाश में अपना घर - परिवार छोड़कर दूसरे राज्यों में पलायन को मजबूर हैं। और जब दूसरे राज्यों में बिहारी कह हमारे युवाओं को अपमानित किया जाता है। उनके साथ मारपीट आउट दुर्व्यवहार होता है। तभी भी नीतीश कुमार के चेहरे पर शिकन नहीं आती। प्रदेश के युवाओं के रोजगार के प्रति सरकार की लापरवाही चिंता जनक है।
 
 
अनिल कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बिहार की शिक्षा व्यवस्था को गर्त में ले जाने का आरोप लगाया और कहा कि कभी दुनिया को ज्ञान देने वाला हमारे गौरव नालन्दा विश्वविद्यालय की हालत आज बद्दतर है। कभी पूर्वोत्तर की शान कहा जाने वाला पटना विश्वविद्यालय को आज नेक से C ग्रेड मिल रहा है। दरअसल विश्वविद्यालय तो छोड़िए, प्रदेश का एक भी स्कूल पढ़ने लायक नहीं है। नीतीश कुमार के 15 साल के शासन ने बिहार में शिक्षा व्यवस्था की नींव हिला कर रख दी है। छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति भी खत्म हो रही है। जिस टीचर को स्कूलों में होना चाहिए था, उन्हें सरकार की गलत नीतियों ने सड़क पर आंदोलन करने को मजबूर किया है। ऊपर से शिक्षा विभाग तुगलकी फरमान जारी कर शिक्षकों पर कार्रवाई करने की बात करती हैं। नीतीश कुमार और उनकी सरकार इतनी संस्कारहीन हो गयी है कि जिस शिक्षक को सम्मान मिलना चाहिए, वे उनका अपमान कर रहे हैं। इन हालात में बिहार में शिक्षा व्यवस्था के हालात कैसे सुधर सकते हैं। आज यह गंभीर प्रश्न हैं।
 
 
उन्होंने नीतीश कुमार के गवर्नेन्स और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के दावे को झांसा करार दिया और कहा कि बिहार में पूरी तरह से कुव्यवस्था फैल हुई है। प्रदेश के तमाम सरकारी कार्यालयों में बिना भ्रष्टाचार के कोई काम सम्भव नहीं है। एक मामूली सा जाति प्रमाण पत्र भी बिना रिश्वत के नहीं बनता। ये विकास का दावा करते हैं, लेकिन विकास तो इनके भ्रष्टाचार करने वाले लोगों का हुआ है। वरना तो आज भी महंगाई चरम पर है। ऊपर से इनकी अधिकारियों की घूसखोरी से जनता हलकान है। राजनीतिक लहजे से कहें तो विकास नीतीश कुमार की पार्टी और उनके लोगों का हुआ है। शराबबंदी के नाम पर उन्होंने एक सिंडिकेट बना लिया, जिसकी आड़ में भ्रष्टाचार की नहीं कहानी लिखी गयी और प्रदेश के राजस्व को अब ये लोग लूट रहे हैं। क्योंकि शराबबंदी में भी जब धड़ल्ले से शराब की बिक्री हो, तो इससे अच्छा शराबबंदी न हो।
 
 
अनिल कुमार ने केंद्र सरकार द्वारा संसद में पारित नागरिकता संशोधन कानून 2019 CAA और NRC के खिलाफ भी आवाज बुलंद किया। साथ ही इस मुद्दे पर नीतीश कुमार के रवैये पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है, जिसे बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और सरदार पटेल ने बनाया था। आज उसी संविधान के साथ खिलवाड़ कर CAA कानून लाया गया है और NRC की तैयारी चल रही है। हम इसके खिलाफ हैं। सरकार संविधान से खिलवाड़ बंद करे। उन्होंने इस कानून पर जदयू के स्टैंड की आलोचना की और कहा कि नीतीश कुमार सदन के अंदर कानून का समर्थन करते हैं और बाहर आकर इसका विरोध करते हैं। उन्हें अपने आप को धर्मनिरपेक्ष कहने का कोई हक नहीं है। वे भी आरएसएस की गोद में बैठ कर कम्युनल हो गए हैं।
 
 
अंत में अनिल कुमार ने नीतीश कर द्वारा लगाए गए तीन मानव श्रृंखला को सरकारी संसाधन का लूट और जबर्दस्ती का मानव श्रृंखला बताया। उन्होंने कहा कि हमारी मानव श्रृंखला चेहरा चमकाने के लिए नहीं है। यह मानव श्रृंखला जनता का, जनता के द्वारा और जनता के लिए मानव श्रृंखला है। यह सरकार को उनके 15 सालों का आईना दिखाने के लिए है, जिसमें सरकारी अवरोधों के बाद भी हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। मानव श्रृंखला में मुख्‍य रूप से पार्टी के प्रदेश अध्‍यक्ष संजय मंडल, युवा अध्‍यक्ष संतोष यादव, तकनीकी प्रकोष्‍ठ के अध्‍यक्ष ई. रवि प्रकाश, छात्र अध्‍यक्ष पियूष कुमार, युवा के उपाध्‍यक्ष राकेश कुमार, नीरज कुमार यादव, बिंदेश्‍वरी सिंह, अंशुमान समेत सैकड़ों छात्र और युवा शामिल हुए।
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