पुरातात्विक अवशेषों से परिचित हो रहा है पटना, पुरातात्विक संगोष्ठी के दूसरे दिन 70 विद्वानों ने पढ़ा अपना पेपर
पटना। रंजन सिन्हा। देशवाणी।
तीन दिवसीय राष्ट्रीय 'वार्षिक पुरातात्विक संगोष्ठी' के दूसरे दिन आज पटना म्यूजियम के तीनों सभागार में देशभर से आये पुरातत्वविद, इतिहासकार, रिसर्च और स्कॉलर ने परिचर्चा की। संगोष्ठी इंडियन आर्कियोलॉजिकल सोसाइटी और पुरातत्व निदेशालय (कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई है।
इस दौरान उन्होंने पुरातात्विक संकल्पना, इंडियन सोसाइटी फॉर प्री-हिस्टॉरिक एंड क्वार्टनरी स्टडीज और हिस्ट्री एंड कल्चर सोसाइटी के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस मौके पर पुरातत्व निदेशालय, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार के निदेशक डॉ अतुल कुमार वर्मा ने बताया कि यह राष्ट्रीय संगोष्ठी पहली बार बिहार में हो रही है। इसमें देशभर से विद्वान शामिल हो रहे हैं। हिंदुस्तान की पुरातात्विक धरोहर,विरासत और परंपराओं से चर्चा के दौरान लोगों को अवगत करा रहे हैं। इसमें पटना के लोगों की भागीदारी खूब देखने को मिली है। ऐसे मौके बार – बार नहीं आते जब अपनी विरासत को इतने करीब से जानने का मौका मिले, इसलिए इस संगोष्ठी में लोगों विशेषकर छात्र बढ़चढ़ कर हिस्सा लें।
उन्होंने बताया कि संगोष्ठी के दूसरे दिन भारत के विभिन्न राज्यों के प्रतिभागियों के 120 में से 70 सार प्रस्तुत किये गए।
इससे पहले पटना म्यूजियम के एक सभागार में इंडियन आर्कियोलॉजिकल सोसाइटी और पुरातत्व निदेशालय द्वारा आयोजित परिचर्चा में किशोर कुमार ने राजगीर के पुरातत्व : प्रागैतिहासिक काल से बारहवीं शताब्दी तक, मो सरुराज आलम व के सी नौरियाल ने बौद्ध संघ के प्रतिस्थापन में बुद्ध का राजगृह वर्षवास : एक अनुशीलन, गौतमी भट्टाचार्य ने लखीसराय के यूरीन अन्वेषण,नीरज कुमार मिश्रा और वीरेंद्र कुमार ने हाल पुरातात्विक अन्वेषण, दीपक कुमार राय ने बिहार से प्राप्त नवपाषाण कालीन मृदभांड परंपराओं का अध्ययन और पवन कुमार ने बिहार बुद्धिस्ट साइट पर व्याख्यान दिया।
उसके बाद श्याम सुंदर तिवारी ने कैमूर की पहाड़ी (बिहार) की महापाषाणिक समाधियों और जनजाति संस्कृति, कुलभूषण मिश्रा ने मध्य गंगा मैदान के भौगोलिक दृष्टिकोण, हिमांशु शेखर ने झारखंड के मेनहीर से, साधना द्विवेदी ने मधुबनी : बिहार की समृद्ध लोक कला एवं चित्रकला, गार्गी चटर्जी और अमित सिंह ने विंध्य क्षेत्र के मीज़ोलिथिक सेटलर्स की सब्सिडी रणनीति और पी पी जोगलेकर व बिजोय कुमार चौधरी ने नवपाषाण से जीविका बनी पनेर पर ज्ञानवर्द्धक चर्चा की। इसके अलावा तेजस एम गर्ग, रहुतविज आर आप्टे, सुधीर, सुमन पांडया, परेश पटेल, गुरूदास शेटी, एन निहीलदास, योगेश मल्लीनाथपुर, आर के मोहंती, मोनिका एल स्मिथ, शंतनु वैद्य, सुजीत कुमार, विराग सोनटके, श्रीकांत गनवीर, एच ए नाइक, शंकर शर्मा, एन तहीर, शिखा गांगुली, स्वतंत्र कुमार सिंह और मनमोहन तुली भी परिचर्चा में शामिल हुए।
दूसरे सभागार में इंडियन सोसाइटी फॉर प्री-हिस्टॉरिक एंड क्वार्टनरी स्टडीज के तहत अशोक कुमार सिंह व रवि शंकर ने अस्थि बेधक उपकरण के विविध आयाम, सुकृति कुमारी ने प्रागैतिहासिक एवं आद्य ऐतिहासिक मूह्निाकला,सुषमा जी देव व एस एन राजगुरू ने डेक्कन इनवरामेंट, मोकक्षदा शालुंके ने तेलंगना के गोदवरी घाटी, जयंता सिंह रॉय ने स्टोन एज के लालमई पहाड़ी (बांगलादेश) के वुड अर्टीफेक्ट्स विषय पर परिचर्चा की। उनके अलावा एस बी ओटा, निहारिका श्रीवास्तव, सुमन पांडे, एस जी देव, प्रभाष साहू, अवध किशोर प्रसाद, मुमताज ए यातू, वरदा खालकदकर, प्राची जोशी, निहीलदास एन, कोस्तब मजूमदार, मनोज राहुलन, दीपांकर चटर्जी, ओसी रॉय, सयान भट्टाचार्य, अमित रंजन, विनय कुमार, शंभूनाथ यादव, भगीरथी गर्तिया, मो. अजमल शाह, कौशिक गंगोपध्याय और अभिजीत अंबदेकर ने भी परिचर्चा में भाग लिया।
तीसरे सभागार में हिस्ट्री एंड कल्चर सोसाइटी के तहत मो. मोजहिद अंसारी ने संविधान निर्माण में बिहार की भूमिका, कुमारपाल परमार ने 1948 से 2018 तक महात्मा गांधी के पोस्टल स्टांप के ऐतिहासिक महत्व, गरिमा कौशिक ने नालंदा और महिला, उर्मिला दुहन ने वीमेन ऑर्थर इन पुरातत्व जर्नल,विमल तिवारी व नीतू तिवारी ने प्राचीन भारत में जलीय संरचनाओं व जल प्रबंधन तकनीक का पुरातात्विक मूल्यांकन, सुजीत कुमार तिवारी ने छत्तीसगढ़ी अभिलेख से प्राप्त रामायण और महाभारत संबंधी संदर्भ, डॉ मनोज कुमार ने जटाशंकर पुरास्थल के विष्णु प्रतिमा और गणेश प्रतिमा, डीपी शर्मा व माधुरी शर्मा ने मौर्यन आर्ट, आभा सिंह व राजेश कन्नौजिया ने विदेशी मुद्राओं में अंकित वनस्पति व जीव जंतु का धार्मिक महाद्याव, डॉ अमित अग्रवाल ने नेपाल की सनानत परंपरा और शशि ने वाल्मीकि रामायण में मिथिलापुरी विषय पर व्याख्या दिया। आपको बता दें कि यह 'वार्षिक पुरातात्विक संगोष्ठी' के तीसरे दिन पटना म्यूजियम में जारी रहेगा।