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पटना
क्लाइमेट चेंज का प्रभाव पड़ रहा है बिहारवासियों पर : सुशील मोदी
By Deshwani | Publish Date: 10/8/2018 6:42:24 PM
क्लाइमेट चेंज का प्रभाव पड़ रहा है बिहारवासियों पर : सुशील मोदी

 पटना। क्लाइमेट चेंज का प्रभाव बिहारवासियों पर पड़ रहा है। क्लाइमेट चेंज का प्रभाव कृषि पर पड़ने वाला है। अगर केवल 0.5 डिग्री सेल्शियस तापमान में वृद्धि होगा तो 0.45 टन प्रति हेक्टेयर गेंहू का उत्पादन कम हो जायेगा। ऐसे में यह सोचने की जरूरत है कि आप सब क्या कर सकते हैं? यह बात डिप्टी सीएम सह पर्यावरण व वन विभाग के मंत्री सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को बिडला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पटना कैंपस में राज्य स्तरीय पृथ्वी दिवस समारोह 2018 के आयोजन में अपने संबोधन के दौरान कही।

 
मोदी ने कहा कि मौसम का मिजाज बदल रहा है. देश-दुनिया में इसका असर देखने को मिल रहा है। यूरोप में 45 डिग्री से ऊपर तापमान चला जा रहा है। बिहार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यहां औसत से कम बारिश हो रही है या फिर अनियमित बारिश हो रही है। अररिया, किशनगंज का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले साल वहां केवल तीन दिनों में ही इतनी बारिश हो गयी, जितनी डेढ़ माह में होती है। इससे वहां बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गये थे। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि प्रदूषित शहरों की सूची में पटना का भी नाम है। राज्य के 38 जिलों में से 25 जिलों का पानी प्रदूषित है। इनमें आर्सेनिक, आयरन व फ्लोराइड जैसे हानिकारक तत्व हैं।
 
मोदी ने कहा कि लोगों में विकास व पर्यावरण में टकराव दिखता है। प्राकृतिक संसाधनों की कीमत पर विकास की नींव रखी जाती है। लेकिन विकास अगर पर्यावरण के साथ हो तो यह ज्यादा बेहतर है। पर्यावरण की कीमत पर विकास नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा होगा तो पृथ्वी बर्बाद हो जायेगी। हमारे पुरखों ने पृथ्वी को मां कहा है। यह हमें पोषण देती है। हमारे पूर्वज यह जानते थे कि पर्यावरण संतुलन कैसे होगा? किसी भी देश में पेड़ पौधों की पूजा नहीं होती है लेकिन हमारे यहां होती है। संदेश यह है कि हम पृथ्वी के साथ जिये। हमने अपनी सुविधा प्राप्त की लेकिन दोहन में कीमत चुका दिया। संस्थान के निदेशक से यह आग्रह किया कि छात्रों को ग्रीन हाउस के बारे में भी जानकारी देने की जरूरत है। पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड यूरोपीय देश, अमेरिका व चीन पैदा करते हैं। भारत सरकार ने यह तय किया है कि 2022 तक पावर की जरूरत को रिन्यूबल एनर्जी से पूरा किया जायेगा।
 
मोदी ने छात्रों से कहा कि आप सभी अपने संकल्प को पूरा कीजिए और थिंक ग्लोबली, एक्ट लोकली पर अमल कीजिए। उन्होंने कहा कि आठ से दस अगस्त तक राज्य सरकार इसका आयोजन कर रही है। पृथ्वी सौरमंडल का एकमात्र ऐसा ग्रह है, जहां पर जीवन है लेकिन आज यह खतरे में है। क्योंकि इसके क्लाइमेट में बदलाव आ गया है। वक्त रहते संभलना होगा। इस मौके पर शिक्षा विभाग के मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, विधायक अरुण सिन्हा, पर्यावरण व वन विभाग के प्रधान सचिव त्रिपुरारी शरण, प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉक्टर डीके शुक्ला, बीआईटी पटना कैंपस के निदेशक डॉक्टर बीके सिंह, क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक पीके गुप्ता के अलावा संस्थान के फैकल्टी, रजिस्ट्रार, छात्र व अन्य कर्मी उपस्थित थे।
 
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