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पटना
बिहार कैबिनेट का फैसला : अल्पसंख्यक छात्रों को मुफ्त रहने और पढ़ने के लिए नयी योजना को मंजूरी
By Deshwani | Publish Date: 15/5/2018 6:28:23 PM
बिहार कैबिनेट का फैसला : अल्पसंख्यक छात्रों को मुफ्त रहने और पढ़ने के लिए नयी योजना को मंजूरी

 पटना। बिहार सरकार ने अल्पसंख्यक कल्याण वर्ग के छात्रों के लिए बड़ी सुविधा प्रदान की है। इसके तहत कक्षा 9 से 12वीं तक के छात्रों को मुफ्त रहने और खाने के लिए जिला स्तर पर एक विशेष आवासीय विद्यालय खोले जायेंगे। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में बिहार राज्य अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय योजना को मंजूरी दी गयी। 

 
बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने सूचना भवन के सभाकक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि कुल 21 प्रस्तावों पर मुहर लगी है। इसमें अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अलावा पिछड़ा एवं अत्यंत पिछड़ा और गृह विभाग से जुड़े प्रस्ताव प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि इन अल्पसंख्यक समुदाय के विशेष स्कूलों में नामांकन के लिए प्रतियोगिता प्रवेश परीक्षा आयोजित की जायेगी। इसमें उन्हीं अभिभावकों के बच्चों का नामांकन होगा, जिनकी सालाना आय छह लाख रुपये से कम है। इसमें रहना, पढ़ने समेत अन्य सभी सुविधाएं मुफ्त होगी।
 
इस दौरान मौजूद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि इन अल्पसंख्यक स्कूलों के लिए जिला स्तर पर जमीन की तलाश की जा रही है। जिस जिले में पहले जमीन मिल जायेगी, वहीं यह स्कूल शुरू कर दी जायेगी। अलग-अलग जिलों में जमीन का आकलन किया जा रहा है। इसके अलावा अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावासों में रहकर पढ़ाई करने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए 'मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावास अनुदान योजना' की स्वीकृति दी गयी है। इसमें प्रत्येक छात्र को प्रति महीने एक हजार रुपये अनुदान प्रदान किये जायेंगे। राज्य में अभी चले अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावासों की संख्या 33 है, जिनमें तीन हजार 350 छात्र हैं। 11 हॉस्टल प्रस्तावित और चार निर्माणाधीन हैं।
 
इसी तरह से पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के छात्रावास में रहने वाले छात्रों को भी एक हजार रुपये प्रति महीने दिये जायेंगे। इनके लिए मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग छात्रावास अनुदान योजना शुरू की गयी है। इसके पिछले कैबिनेट में सरकार ने एससी-एसटी वर्ग के छात्रों के लिए इस तरह की योजना शुरू कर चुकी है। राज्य में अभी पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्रावासों की संख्या 33 है, जिनमें तीन हजार 300 छात्र रह रहे हैं। 10 हॉस्टल का निर्माण कार्य अंतिम चरण में हैं। चालू वित्तीय वर्ष में इस पर तीन करोड़ 94 लाख रुपये की लागत आने का अनुमान है।
 
राज्य सरकार ने एससी-एसटी वर्ग के छात्रों की तर्ज पर ही अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए भी 'मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना' शुरू की है। इसके अंतर्गत बीपीएससी पीटी पास करने वाले अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्रों को 50 हजार और यूपीएससी पीटी पास करने वाले छात्रों को एक लाख रुपये दिये जायेंगे। विभागीय आकलन के अनुसार, पिछली बार यूपीएससी और बीपीएससी की पीटी में संयुक्त रूप से 1900 छात्र उतीर्ण हुए थे। इस आधार पर इस योजना में करीब 11 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है. हालांकि यह प्रत्येक वर्ष छात्रों की संख्या के मुताबिक बदलता रहेगा।
 
उद्योग विभाग ने एससी-एसटी वर्ग के लिए एक विशेष स्व-रोजगार सृजन योजना की मंजूरी दी गयी है। इस उद्यमी योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 के अंतर्गत 102 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं। इसमें इस वर्ग के युवाओं को सूक्ष्म एवं लघु उद्योग स्थापित करने के लिए विशेष तौर पर प्रोत्साहन दिया जायेगा। अधिकतम पांच लाख रुपये ब्याज मुक्त ऋण दिया जायेगा।
 
कैबिनेट में लिये गये अन्य प्रमुख फैसले
- बिहार राजकीयकृत माध्यमिक विद्यालय (सेवा शर्त) (संशोधन) नियमावली, 2018 को स्वीकृति दी गयी है। इसके अंतर्गत कला संकाय के आचार्य और फाजिल डिग्री वाले शिक्षक भी अब माध्यमिक स्कूलों के हेडमास्टर बन सकेंगे। पहले आचार्य और फाजिल डिग्री वाले हेडमास्टर नहीं बनते थे।
- बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के तहत तत्काल सेवा के लिए संविदा के आधार पर नियोजित कार्यपालक सहायक के 534 पद के सृजन की मंजूरी दी गयी।
- पूर्णिया के धमदाहा की रेफरल चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. स्निग्धा सिन्हा को लगातार अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के कारण सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
- बिहार निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के अधीन अवर निरीक्षक उत्पाद की संवर्गीय नियमावली को मंजूरी दी गयी है।
 
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