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पटना
बिहार बजट: सुशील मोदी ने विधानमंडल में वर्ष 2018-19 का बजट पेश किए
By Deshwani | Publish Date: 27/2/2018 3:01:54 PM
बिहार बजट: सुशील मोदी ने विधानमंडल में वर्ष 2018-19 का बजट पेश किए

पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने विधानमंडल के दोनों सदनों में वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया। विपक्ष के हंगामे के बीच सुशील मोदी बजट भाषण जारी रहे और राजद नेता लगातार सरकार पर और सुशील मोदी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। 

 
सुशील मोदी ने बजट भाषण में बिहार सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और सात निश्चय की सफलता की विशेष चर्चा की। उन्होंने बजट भाषण में कहा कि बाढ़ के दौरान सरकार के काम की जितनी सराहना की जाए कम है। राज्य में नएनर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे। उन्होंने मानव श्रृंखला का जिक्र किया और कहा कि बजट का बढ़ना सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
 
उन्होंने कहा कि शिक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए इस बार शिक्षा मद में 33 हजार करोड़ खर्च किए जाएंगे, जो बजट का सबसे बड़ा भाग है। इसके  साथ ही मुजफ्फरपुर जिले में तीन नए कृषि विज्ञान केंद्र खोले जाएंगे। सत्रह हजार करोड़ सड़क निर्माण के लिए खर्च किए जाएंगे। पंद्रह सौ मीटर सड़कों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि कृषि रोडमैप से किसानों को सहायता मिलेगी।
 
वित्तमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि इस बार बजट में निबंधन शुल्क में बढ़ोत्तरी की गई है। मेडिकल कॉलेजों की व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी। दस हजार दो सौ संतावन करोड़ ऊर्जा के लिए खर्च किए जाएंगे। तीस करोड़ मंदिरों की चहारदीवारी के निर्माण के लिए खर्च होंगे। ग्रामीण कार्य विभाग के लिए दस हजार पांच सौ पांच करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। एक अप्रैल से दाखिल खारिज की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
 
 
सुशील मोदी ने कहा कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों मे आई बैंक खोले जाएंगे। कर राजस्व तेईस हजार करोड़ रुपये का। राजगीर में साठ करोड़ की लागत से जू सफारी का निर्माण किया जाएगा। हरित क्षेत्र पंद्रह से बढ़ाकर सत्रह प्रतिशत किया जाएगा। वित्तमंत्री सुशील मोदी बजट के पिटारे के साथ विधानसभा पहुंचे, सदन में सुशील मोदी के पहुंचने के बाद एनडीेए विधायकों ने उनका गुलाब देकर स्वागत किया। सुशील मोदी के बजट अभिभाषण से सदन की कार्यवाही शुरू हो गई है। उनके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी विधानसभा पहुंचे हैं।
 
जीएसटी लागू होने के बाद राज्य का यह पहला बजट होगा। इस साल का बजट पौने दो लाख करोड़ से ज्यादा का हो सकता है और इस बार शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और गांवों के विकास पर सरकार का पूरा फोकस रहेगा। इस बार के बजट में  उम्मीद जतायी जा रही है कि पूरा ध्यान बिहार के साथ ग्रामीण विकास पर फोकस्ड रहेगा। इस बार का बजट पौने दो लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है। यह पिछले बजट की तुलना में 15 से 20 हजार करोड़ रुपये अधिक हो सकता है। वहीं, राज्य का जीडीपी 10 फीसदी के आसपास होने की संभावना जतायी जा रही है।
 
इस बार शिक्षा का बजट पिछले वर्ष की तुलना में अच्छा होने की संभावना है। साथ ही नये स्कूलों की घोषणा भी की जा सकती है। सरकार सूबे की सभी पंचायतों में एक हाईस्कूल खोलने की घोषणा कर सकती है। वहीं, विश्वविद्यालयों का बजट भी बढ़ाये जाने की उम्मीद है। 
 
इस बार स्वास्थ्य सेवाओं में राज्य सरकार पिछले बजट की तुलना में राशि बढ़ा सकती है। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री भी प्रखंडों के स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाएं बढ़ाने की घोषणा कर चुके हैं। इसलिए संभव है कि स्वास्थ्य में बेहतर सुविधा देने के लिए सरकार बजट में राशि बढ़ा सकती है। राज्य में स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए अनुबंध पर चिकित्सकों और नर्सों की बहाली किये जाने के संबंध में भी सरकार फैसला कर सकती है। साथ ही राज्य सरकार प्रदेश में पांच नये मेडिकल कॉलेज खोलने की बात पहले भी कर चुकी है। इसलिए मेडिकल कॉलेजों के खोलने को लेकर स्वास्थ्य क्षेत्र में बजट बढ़ने की उम्मीद है। 
 
कृषि रोड मैप के मुताबिक वर्ष 2022 तक राज्य सरकार सिर्फ फसल के उत्पादन तक सीमित नहीं होना चाहती है। राज्य सरकार का जोर मत्स्य पालन, पशुपालन और सहकारिता पर भी होगा। तीसरे कृषि रोड मैप में किसानों की माली हालत सुधारने पर जोर दिया गया है। इसलिए सरकार का जोर किसानों की स्थिति सुधारने पर होगा।
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