पटना । बिहार विधानमंडल का बजट सत्र आज से आरंभ हो चुका है। यह सत्र चार अप्रैल तक चलेगा। पहले दिन राज्यपाल सत्यपाल मलिक दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया।
राज्यपाल से मंजूर तीन विधेयक सदन के पटल पर पेश किए गए। बिहार कृषि बाजार प्रांगण भूमि अंतरण विधेयक 2017 को मंजूरी दी गई। बिहार विनियोग संख्या-4 विधेयक 2017 को भी मंजूरी दी गई। इसके साथ विशेष सुरक्षा दल संशोधन विधेयक को भी अनुमति दी गई। राज्यपाल के संबोधन के बाद सदन में दिवगंत नेताओं को श्रद्धांजलि दी गयी और विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
आज आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट को पेश करने की बात कही गई थी, जिसके बाद मंगलवार को राज्य सरकार 2018-19 के लिए अपना बजट पेश करेगी। केंद्रीय बजट के बाद अब सबकी नजरें यहां राज्य सरकार के बजट पर है। सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं।
बजट सत्र में अपने संबोधन के दौरान राज्यपाल सत्यपाल मल्लिक ने कहा कि बिहार में शराबबंदी के बाद अपराध में कमी आई है। अपराध की दृष्टि से बिहार का देश में 22वां स्थान है। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था सरकार की सवोच्च प्राथमिकता है।
राज्यपाल ने राज्य के विकास के लिए संचालित योजनाओं तथा युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के सरकार के कार्यों पर भी बल दिया। कहा कि बिहार की विकास दर 14.82 फीसद है। राज्यपाल के संबोधन के दौरान सदन में शांति रही। पक्ष व विपक्ष के सभी जनप्रतिनिधि राज्यपाल के संबोधन को सुनते रहे। लेकिन, इसके बाद कल से हंगामे के आसार हैं।
पिछले वर्ष के 1.60 लाख करोड़ के बजट में इस बार करीब 12 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है। कैबिनेट ने पिछले दिनों 1.77 लाख करोड़ के बजट प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की थी। संभावना है कि पिछली बार की तरह इस बार भी राज्य सरकार सबसे अधिक राशि शिक्षा प्रक्षेत्र के लिए आवंटित करे। पिछली बार 25,251 रुपये शिक्षा पर खर्च करने का फैसला लिया गया था।
प्रदेश में साक्षरता दर पहले से काफी बढ़ी है, मगर फिर भी यह अभी अन्य राज्यों की तुलना में सबसे कम है। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को अपने बूते चलाने की घोषणा और तीन नए विश्वविद्यालयों की स्थापना जैसे कार्य इस संभावना को प्रबल बनाते हैं कि शिक्षा के लिए सबसे अधिक राशि आवंटित होगी।
वहीं, कृषि और ग्रामीण विकास भी पीछे नहीं रहेंगे। पिछले साल स्वास्थ्य के प्रक्षेत्र में अधिक राशि आवंटित नहीं थी, मगर केंद्र सरकार द्वारा गरीबों के लिए लागू होने वाली स्वास्थ्य बीमा योजना के कारण इस बार के बजट में स्वास्थ्य पर अधिक फोकस आवश्यक है। इस योजना में राज्य सरकार को 40 प्रतिशत राशि देनी है।
राज्य सरकार ने पिछली बार भी बजट में सात निश्चय कार्यक्रम को प्राथमिकता दी थी। इस वित्तीय वर्ष में इन कार्यक्रमों को सरजमीन पर उतारने के लिए और अधिक राशि की आवश्यकता होगी। जाहिर है बजट में इसका प्रावधान किया जाएगा। केंद्र सरकार ने इस बार अपना बजट किसान एवं गांव पर केंद्रित किया है।