पटना ( हि स )- राष्ट्रीय जनता दल ( राजद ) ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठ्बन्धन , रालोसपा द्वारा मंगलवार को आयोजित ‘‘शिक्षा सुधार: मानव कतार’’ में शामिल न होकर भाजपा और जदयू ने अपने शिक्षा विरोधी चरित्र को उजागर किया है।
राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने यहाँ कहा कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चैपट हो चुकी है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है और न्यायालय के फैसले के बावजूद समान काम के लिए समान वेतन के मामले पर सरकार टाल-मटोल कर रही है।
राजद नेता ने कहा कि बड़े पैमाने पर विश्वविद्यालय, महाविद्यालय से लेकर विद्यालयों में शिक्षकों का पद रिक्त हैं जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है ।
उन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षा सुधार हेतु लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए रालोसपा अध्यक्ष तथा केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा की पहल को आज व्यापक जन-समर्थन मिला है। राजनीति से उपर उठकर आम लोगों ने ‘‘शिक्षा सुधार: मानव कतार’’ में शामिल होकर शिक्षा के प्रति अपनी संवेदनशीलता को दर्शाया है जबकि भाजपा और जदयू का शामिल न होना शिक्षा के प्रति उनकी उदासीनता का प्रतीक है ।
राजद नेता ने कहा कि संविधान निर्माते डा अम्बेदकर ने सबसे ज्यादा जोड़ शिक्षित बनने पर दिया था। जब लोग शिक्षित होंगे तो बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराईयाँ स्वतः समाप्त हो जायेंगी ।
भाजपा और जदयू नेताओं से रटा-रटाया बयान देने की जगह राजद शासनकाल में शिक्षा क्षेत्र की उपलब्धियों का अध्ययन करने का सुझाव देते हुए राजद प्रवक्ता ने कहा कि शिक्षा के महत्व को देखते हुए राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव अपनी हर सभा में लोगों को पढ़ने-लिखने के लिए प्रेरित करते थे। उन्होंने कहा कि राजद शासनकाल में न केवल नये विश्वविद्यालय खोले गये बल्कि बड़े पैमाने पर विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का प्रयास किया गया ।