पटना
तीन तलाक कानून से मुस्लिम महिलाओं को न्याय एवं संरक्षण मिलेगा: डॉ. जगन्नाथ
By Deshwani | Publish Date: 29/12/2017 8:52:50 PMपटना, (हि.स.)। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र ने शुक्रवार को कहा कि तीन तलाक कानून से देश की नौ करोड़ मुस्लिम महिलाओं को न्याय एवं संरक्षण मिलेगा। राजनीतिक एवं धार्मिक नेताओं को इस कानून पर सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए। मुस्लिम समाज को उन महिलाओं से सबक लेना चाहिए, जिन्होंने तलाक की परेशानियों को झेलकर भी अपने हक की लड़ाई लड़ी है।
डॉ. मिश्र ने तीन-तलाक को आपराधिक श्रेणी में लाने संबंधी विधेयक का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अगस्त में तीन तलाक को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गैर-इस्लामी (गैर संवैधानिक) घोषित किया गया है। तीन-तलाक को सर्वोच्च न्यायालय ने खत्म कर दिया है। भारत के मुस्लिम समुदाय में लोगों के लिए उनकी अपनी सामाजिक नागरिक संहिता है, जबकि हमारे कानून या भारतीय दंड सहिता सभी धर्मों को मानने वालों पर एक समान होता है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां तक बहुसंख्यक हिन्दू समुदाय का प्रश्न है, उसका विधान हिन्दु कोड के अंतर्गत आता है। इसके अंतर्गत आने वाली त्रुटियों को कानून बनाकर खत्म किया जा चुका है। सदियों से चली आ रही सती-प्रथा, बाल-विवाह को जुर्म मानते हुए सजा निर्धारित की जा चुकी है। जाहिर तौर पर ये फौजदारी मामले ही हैं। इसके साथ ही दहेज-प्रथा खत्म करने के लिए और घरेलू हिंसा को रोकने के लिए भी कानून बनाया गया है। ये सभी कानून एक की कानून के दायरे में आते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आपराधिक मामले में सभी वर्गों को बराबर रखा गया हैं। तीन-तलाक का मामला खालिस तौर पर घर की चाहरदीवारी में किया गया कृत्य होता है, जिसकी वजह से एक मुस्लिम महिला रातोंरात बदल जाती है। उसे अपने पति का घर छोड़ने को मजबूर कर दिया जाता है। यह सामाजिक कुरीति है जो मुस्लिम समुदाय में सैंकड़ों वर्षों से चली आ रही है और कानून (शरियत) भी नहीं है। इसे रोकने के लिए सरकार कानून बना रही है। यह प्रयास सराहनीय है।