पटना, (हि.स.)। राष्ट्रीय जनता दल बिहार के किसानों की समस्याओं को लेकर नीतीश सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है। बिहार में किसानों पर 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक बकाया कर्ज की माफी, समर्थन मूल्य पर धान खरीद में धांधली, डीजल अनुदान वितरण में घोटाला एवं फसल क्षति मुआवजा देने में गड़बड़ी की शिकायतों को लेकर राजद नये साल में आंदोलन करेगा।
राष्ट्रीय जनता दल संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने गुरुवार को यहां कहा कि संघर्ष की रूपरेखा तैयार हो रही है। 6 जनवरी को पटना में पार्टी विधायकों एवं प्रमुख नेताओं की बैठक में संघर्ष की रणनीति तय करने के साथ राज्यव्यापी न्याय यात्रा का भी कार्यक्रम तय होगा। उन्होंने कहा कि सन् 2017 साल किसानों के लिए बुरा साल रहा। इसलिए सन् 2018 साल किसानों के लिए संघर्ष का साल होगा। चालू वर्ष में 12 हजार किसानों ने आत्महत्याएं कीं। मध्य प्रदेश में किसानों पर गोलियां चलीं। भाजपा शासित राज्यों में किसानों की ज्यादा आत्महत्याएं हुई। कई राज्यों में किसानों ने अपनी समस्याओं के लिए आन्दोलन किया। देश भर के 180 किसान संगठनों ने जन्तर-मन्तर पर प्रदर्शन किया और सालों भर छिटपुट प्रदर्शन होते रहे, लेकिन समस्याएं बनी हुई हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से लागत का डेढ़ गुना मूल्य देने और आमदनी को दुगुनी कराने की ढपोरशंखी घोषणाओं के अलावा किसानों के लिए सहायता बढ़ाने की जगह ट्रैक्टर, स्प्रिंकलर और ड्रिप इरीगेशन की सब्सिडी समाप्त कराकर सब्सिडी घटायी गई है।
राजद नेता ने कहा कि बिहार में भी किसान कभी बाढ़, कभी सुखाड़, नदी के कटाव और जलजमाव से पीड़ित रहे हैं। धान की खरीद के लिए केवल बयान ही आ रहा है। किसान अपने उत्पादित सामानों को बिचौलियों के हाथ कम दाम पर बेचने को मजबूर हैं। दलहन में न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। आलू को कोई नहीं पूछता, सिंचाई में कोई सहूलियत नहीं है। जैसे बीज समय पर नहीं मिल पाया, डीजल अनुदान, बर्बाद फसल का मुआवजा आदि नहीं मिल पाया। सारे राजकीय नलकूपों में 80 प्रतिशत बंद हैं। एक भी बंद नलकूप चालू नहीं हुआ। कीड़खोरी से भी किसानों की फसलें बर्बाद हुई। जंगली जानवर नीलगाय और जंगली सुअर से फसलों को बचाया नहीं जा सका। लावारिस बछड़े और जानवर तो नई समस्या पैदा कर रहे हैं। खाद, बीज, ऋण, सिंचाई, फसल बीमा मुआवजा, उचित मूल्य किसानों को नहीं मिल पाया।