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बिहार
जीएसटी में करों में कटौती का जनता को लाभ नहीं देने वाले कारोबारियों-उत्पादकों पर होगी कार्रवाई : सुशील
By Deshwani | Publish Date: 14/11/2017 8:31:14 PM
जीएसटी में करों में कटौती का जनता को लाभ नहीं देने वाले कारोबारियों-उत्पादकों पर होगी कार्रवाई : सुशील

पटना, (हि.स.)। बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं वित्त वाणिज्य कर मंत्री सुशील कुमार मोदी ने राज्य के व्यापरियों एवं उत्पादकों को चेताया है कि जीएसटी में करों में कटौती का लाभ जनता तक नहीं पहुंचाने वालों पर कार्रवाई होगी। इसके लिए राज्य सरकार ने मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकार का गठन किया है। सरकार ने आम उपभोक्ताओं को करों में हाल की कटौती का लाभ नहीं देने वालों की वाणिज्य विभाग में शिकायत दर्ज कराने की अपील की है। प्रदेश में 2.23 लाख जीएसटी निबंधित कारोबारी हैं। इनमें एक करोड़ तक सालाना कारोबार करने वाले 33 हजार कम्पोजिट कारोबारी हैं। कंपोजिट स्कीम में डेढ़ करोड़ तक कारोबार करने वालों को शामिल करने तैयारी है।

मोदी ने मंगलवार को यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि 175 वस्तुओं पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने के नये फैसले का लाभ आम लोगों को हर हाल में सुनिश्चित किया जायेगा। यह राज्यों के वित्त मंत्रियों का दलीय सीमाओं से ऊपर उठकर लिया गया सर्वसम्मत फैसला है। देश में अब लक्जरी,सीन और व्हाइट गुडस की श्रेणी के कुल 50 वस्तुओं पर 28 प्रतिशत जीएसटी लागू है। अब 200 से अधिक वस्तुओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी है। पहले इन वस्तुओं पर 31 प्रतिशत टैक्स था।
 
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कपंनियों और कारोबारियों से अपेक्षा है कि वे वस्तुओं के मूल्य में कटौती का लाभ आम जनता को पहुंचायें । मुनाफाखोरी किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं होगा। रेस्तरां में अब मात्र 5 प्रतिशत जीएसटी लेना है । वह भी एक करोड़ रुपये सालाना कारोबार करने वाले रेस्तरां को उपभोक्ताओं से कोई कर नहीं लेना है। उन्हें अपने मुनाफे से 5 प्रतिशत जीएसटी देना होगा। बिहार में रेस्तरां में 12 प्रतिशत वैट और 6 प्रतिशत सर्विस टैक्स वसूला जा रहा था। 
 
श्री मोदी ने कहा कि जीएसटी से राज्यों को कोई नुकसान नहीं होना है। इसकी केन्द्र ने 1 जुलाई,2017 से जीएसटी लागू करने के साथ नीतिगत निर्णय लिया है कि 2015-16 में निर्धारित सुरक्षित राजस्व के आधार पर 14 प्रतिशत की भरपाई होगी। इसके आधार पर बिहार के लिए 16402 करोड़ रुपये का सुरक्षित राजस्व निर्धारित है। पांच वर्षों तक भरपाई होनी है। 2022 तक सुरक्षित कोष 27703 करोड़ रुपये होगा। इससे कम राजस्व होने पर 14 प्र​तिशत के आधार पर भरपाई होनी है। उन्होंने कहा ​कठिनाई के बावजूद जीएसटी से प्रत्येक माह राजस्व संग्रह बढ़ रहा है। देश में सितम्बर में 93 हजार करोड़ रुपये और अक्टूबर में 95 हजार करोड़ रुपये जीएसटी से राजस्व संग्रह हुआ है। प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए जीएसटीएन के अध्यक्ष अजय भूषण पाणेडय की अध्यक्षता में कमिटी बनी है। 
 
भाजपा नेता मोदी ने जीएसटी में करों की कटौती का कांग्रेस द्वारा श्रेय लेने को हास्यास्पद माना। उन्होंने कहा कि जीएसटी की बैठक में सर्वसम्मत फैसला लिया जाता है और बाहर में इसका विरोध किया जाता है।
 
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