पटना, (हि.स.)। भागलपुर कोर्ट परिसर में पुलिस द्वारा वकीलों की पिटायी किये जाने पर पटना हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए भागलपुर के जिला न्यायाधीश तथा जिलाधिकारी और पुलिस महानिदेशक से इस सम्बंध में की गयी कार्रवाई का ब्यौरा अगली सुनवाई में अदालत में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। साथ ही साथ अदालत ने हाईकोर्ट के महानिबंधक को भी इस सम्बंध में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई की तिथि 1 नवम्बर को निर्धारित की गयी है।
चीफ जस्टिस राजेन्द्र मेनन एवं जस्टिस डा. अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने मंगलवार को घटित उक्त घटना पर स्वतः संज्ञान लेते हुए उक्त निर्देश दिया।
बुधवार को अदालती कार्रवाई के प्रारम्भ में ही अदालत ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए कहा कि यह काफी गंभीर मामला है। क्योंकि भागलपुर में इस प्रकार की घटना पहले भी घटित हो चुकी है।
गौरतलब है कि यह घटना मंगलवार की दोपहर को कचहरी परिसर में घटी, जब कुछ पुलिसकर्मियों ने पहले तो अधिवक्ताओं के साथ बदसलूकी की और उसके बाद लाठीचार्ज भी किया। इसमें तीन वकीलों को काफी चोट लगी है। वकीलों का कहना है कि पुलिसवालों ने तोड़फोड़ भी की है।
वकील महरूल हक उर्फ आरजू की हत्या के विरोध में भागलपुर में प्रदर्शन कर रहे वकीलों के साथ पीर बाबा चौक और कचहरी चौक पर यातायात पुलिस के साथ मारपीट और नोकझोंक हुई। इस घटना के विरोध में करीब 50 की संख्या में यातायात पुलिसकर्मियों ने कचहरी परिसर में जमकर हंगामा किया। पुलिसकर्मियों ने जिला विधिज्ञ संघ भवन के अंदर भी जाकर हंगामा और वकीलों के साथ मारपीट की।
गुस्साए पुलिसकर्मियों ने वकीलों की कुर्सियों को भी तोड़ दिया। वकीलों को जान बचाकर कोर्ट परिसर से भागना पड़ा। कचहरी चैक से निकलने के बाद पुलिसकर्मियों ने आदमपुर थाना पहुंचकर नारेबाजी की।