पटना, (हि स )| दीपावली और छठ के अवसर पर बिहार को पाने 4000 करोड़ रुपए के विकास से संबंधित योजनाओं की सौगात देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई और कहा कि केंद्र सरकार ने अल्प अवधि में इस राज्य के भाग्य को बदलने के लिए ढेरों योजनाएं लागू की है8न।
राजधानी पटना से 100 किलोमीटर दूर मोकामा में निर्माण से संबंधित 4 योजनाओं का शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार कंधे से कंधा मिलाकर बिहार के सपनों को पूरा करने का प्रयास कर रही है जिसका परिणाम अब आने लगा है।
मोकामा में मंच से प्रधानमंत्री ने स्थानीय भाषा में लोगों का नमन किया और उन की स्थानीय भाषा में अपना संबोधन प्रारंभ करें लोगों का दिल जीत लिया । प्रधानमंत्री ने लगे हाथों सबों को इसी भाषा में दिवाली और छठ की बधाई भी दी । कहा कि बिहार के लोगों ने उन पर भरोसा जताया है और तपस्या की है जिसे वह बेकार नहीं जाने देंगे।
स्थानीय लोगों की सम्वेदनाओं को छूने का प्रयास करते हुए प्रधानमंत्री ने बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह जो बिहार केसरी के रूप में प्रसिद्ध थे उन्हें और उनके कार्यों का नमन किया। उन्होंने कहा कि लोग कहा कि गंगा नदी पर जो पुल बनाया जा रहा है वह पूरे बिहार के लिए आकर्षण का केंद्र होगा।
उन्होंने कहा कि 60 किलोमीटर की दूरी पर शिक्षा का वह स्थान है जहां दिनकर राष्ट्रकवि बने। दिनकर को प्रेरणा का स्रोत बताते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि दलित पीड़ित शोषित वंचित गरीब किसानों के प्रति अपनी कृति से उन्होंने लोगों के अंदर एक भावना जगाई।
राष्ट्रकवि दिनकर की ऐसी ही एक रचना का पाठ करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि दिनकर ने अपनी लेखनी से गरीबों और मजदूरों को समाज में सम्मान दिलाया।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने मोकामा के परशुराम बाबा की चर्चा करते हुए कहा कि यह स्थान भगवान परशुराम की तपस्थली है और अंग मगध तथा मिथिला के संगम पर स्थित सिमरिया का गौरवशाली इतिहास कोई भूल नहीं सकता।
उन्होंने कहा कि यह वही स्थल है जहां वीर शिरोमणि बाबा चौहरमल हुए और जिनके नाम पर यहां प्रतिवर्ष मेला लगा करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद इतने कम समय में यह पहली बार हुआ है कि बिहार में 53 हजार करोड़ रुपए के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और निर्माण से जुड़े काम या तो मंजूर हो गए हैं या उनपर प्रगति जारी है।
सड़क, रेल, इंटरनेट, गैस, ग्रिड, बिजली, पानी की सप्लाई की कनेक्टिविटी को विकास के लिए आवश्यक बताते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इंसानों पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि सभ्यता और संस्कृति के अलावा नदियों को अर्थव्यवस्था से भी जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है और इसके तहत जल मार्ग से यातायात और ढुलाई का काम प्रारंभ किया जाएगा जिससे नदियों का महत्व आर्थिक रूप से भी हो जाएगा। इससे कम से कम खर्च में माल की ढुलाई हो सकेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मोकामा का घाट अंग्रेजों के जमाने में मिनी कोलकाता की तरह जाना जाता था और उसी तर्ज पर केंद्र की सरकार इस स्थान को फिर से विकसित करने की कोशिश कर रही है।
विकास के लिए बिजली की आवश्यकता पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने 18000 गांवों में जहां बिजली नहीं थी उनमें से प्रतिदिन 1000 गांव में बिजली पहुंचाने का संकल्प लिया था और अभी तक 15000 से अधिक गांव में बिजली पहुंचाई जा चुकी है। शेष स्थानों पर भी तय समय सीमा के अंदर यह काम पूरा कर लिया जाएगा।
प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना की चर्चा करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार हर घर में मुफ्त में बिजली का कनेक्शन देगी ताकि हिंदुस्तान का कोई भी परिवार 18वीं शताब्दी के अंधेरे में नहीं रहे ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार की घोषणाएं करके उन्हें भूल जाया करती थी जबकि उनकी सरकार योजनाओं की घोषणा करके उनपर एक रोडमैप बनाने के बाद संसाधन जुटाकर उसे लागू कर रही है। ऐसी ही योजनाओं के तहत 3 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को गैस सिलेंडर पहुंचा दिया गया है और शेष दो करोड़ बचे परिवारों को भी जल्द ही यह सुविधा भी उपलब्ध करा दी जाएगी। गैस सिलेंडर की इस योजना से गरीब परिवारों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन आया है।
स्वच्छता अभियान की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब माताओं और बहनों को ध्यान में रखकर उन्होंने यह योजना बनाई थी। झुग्गी झोपड़ी और गांव में रहने वाले लोगों को खासकर महिलाओं को खुले में शौच जाने से होने वाली बीमारी और परेशानियों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन महिलाओं को या तो सूरज उगने से पहले अथवा सूर्य के डूबने के बाद अंधेरे में जाना पड़ता है जिसकी वजह से उन्हें कई तरह की बीमारियां भी हुआ करती है।
प्रधानमंत्री ने लोगों से अपनी माता और बहनों की स्वास्थ्य की चिंता करते हुए आगे आकर इस स्वच्छता अभियान से इमानदारीपूर्वक जुड़कर अपने-अपने घरों में शौचालय का निर्माण कराने का आग्रह किया |