खूंटी, (हि.स.)| स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत जिला स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को नगर भवन किया गया। स्वच्छता विषय पर उन्मुखीकरण कार्यक्रय संबंधी कार्यशाला का उद्घाटन अपर समाहर्ता रंजी कुमार लाल ने किया। अपर समाहर्ता ने कहा कि खूंटी जिले को मार्च 2018 तक पूर्ण रूप से खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) करना है। उन्होंने कहा किलगातार समीक्षा के दौरान बा सामने आयी है कि शौचालय निर्माण की गति ककाफी धीमी है। अब तक 20 पंचायत पूर्ण रूप से खुले में शौच से मुक्त हो चुकी हैं। हमें इसे जल्द पूरा करना है। आज हमें यह प्रण लेना है कि निर्धारित लक्ष्य को इस साल के अंत तक पूर्ण करेंगे। उन्होंने कहा कि जहां शौचालय पूर्ण हो चुका है, वहां तत्काल उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में दिये गये दिषा-निर्देशों पर अमल करें। इस अवसर पर अनुमण्डल पदाधिकारी प्रणब कुमार पाल ने ने अपने पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन में विस्तार से खुले में शौच के दुष्परिणाम, होने वाली बीमारियां, उससे बचने के उपाय आदि के बारे में जानकारी दी। शौचालय को होम मेड हाॅस्पिटल या इज्जत घर भी कहा जा सकता है। एसडीओ ने कहा कि पूरे विष्व में भारत ही एक ऐसा देष है, जहां खुले में शौच सबसे अधिक अर्थात 59.02 प्रतिषत लोग जाते हैं जिसके कारण डायरिया, कुपोषण, खून की कमी इत्यादि बीमारियां होती है। साथ ही बच्चों का जन्म के समय वजन कम होना, गांवों में आंत की बीमारी तथा बच्चों में विकास दर भी कम हो रहा है। खुले में शौच से कई तरह की सामाजिक कठिनाईयां, जानवरों से भय समय की की बर्बादी एवं सामाजिक रूतवा में भी कमी आती है। इन परिस्थितियों को देखते हुए हमें खुले में शौच से मुक्त होना है। हमें व्यक्तिगत रूचि, सामुहिक रूप से, स्वयंसेवी संस्थाओं आदि के द्वारा यह प्रयास करना होगा कि खुले में शौच से मुक्त कैसे हों। इस कार्यषाला में डब्यू.एस.पी. के राजीव रंजन ने भी संबोधित किया। कार्यषालय में जिला योजना पदाधिकारी, नजारत उप समाहर्ता, जिला कल्याण पदाधिकारी, कार्यपालक दण्डाधिकारी श्री रविन्द्र गागराई, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, डब्ल्यू.एस.पी. के सदस्यगण, सभी प्रखण्डों के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, प्रखण्ड साधन सेवी, जल सहिया, संकुल साधन सेवी, स्वच्छता ग्रही, स्वच्छ भारत मिषन की टीम आदि उपस्थित थे।