पाकुड़, (हि.स.)। पशु तस्करी में झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के चार सिंडिकेट संलिप्त हैं। जिन्हें संबंधित जिला के एसपीसीए अधिकारियों के अलावा रास्ते में पड़ने वाले थानों के ऑफिसरों का सहयोग मिलता है, जिसके एवज में उन्हें सुविधा शुल्क देना पड़ता है। 18 जून को धराए चार पशु तस्करों ने पूछताछ के दौरान इसका खुलासा किया।
उल्लेखनीय है कि गत 17 जून को जिले की महेशपुर पुलिस ने पांच ट्रकों में लदे गौ प्रजाति के कुल 125 पशु समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया था , जिनके बयान के आधार पर एसपी शैलेंद्र कुमार वर्णवाल के निर्देश पर गठित छापामारी टीम ने गोड्डा से चार पशु तस्करों को गिरफ्तार किया था । इनके पास से एक स्काॅर्पियो, आठ मोबाइल फोन तथा नकद दो लाख रुपये से भी ज्यादा बरामद हुए थे। इन्हीं गिरफ्तार पशु तस्करों ने पूछताछ के दौरान सारी बातों का खुलासा किया। हालाँकि अब तक इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है । लेकिन सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार तस्करों के इकबालिया बयान से झारखंड और बिहार के कई पुलिस और एसपीसीए अधिकारियों के भी खिलाफ शीघ्र ही कार्रवाई हो सकती है । गिरफ्तार तस्करों के खिलाफ महेशपुर थाना में मामला दर्ज किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार तस्करों ने पूछताछ के दौरान कहा है कि मवेशी लदे ट्रकों को पास कराने के लिए गोड्डा, दुमका तथा बिहार के बांका जिले के एसपीसीए अधिकारियों के अलावा संबंधित थानों जैसे- गोड्डा, हंसडीहा, दुमका, जामा, शिकारीपाडा और पोड़ैयाहाट आदि के पुलिस पदाधिकारियों को भी प्रति ट्रक एक मोटी रकम बतौर सुविधा शुल्क देना पड़ता है।
इसके एवज में वे हमें संबंधित क्षेत्रों के पुलिस लोकेशन के अलावा अन्य जानकारी देते थे, ताकि हम बेरोक टोक निकलते रहें। साथ ही बताया कि ये लोग झारखंड, बिहार तथा उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों से मवेशियों को लाकर पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेश को मवेशी तस्करी को अंजाम देते थे।