काठमांडू, (हि.स.)। सीपीएन-यूएमएल और सीपीएन- माओवादी सेंटर के संयुक्त कार्य दल के सदस्य रविवार को प्रांतीय सरकारों के गठन, राज्यों के मुख्यमंत्रियों और प्रांतीय परिषदों के अध्यक्षों की नियुक्ति के मुद्दे पर सहमत हो गए।
समाचार पत्र हिमायन टाइम्स के अनुसार, समझौते के तहत प्रांत संख्या 1,3,4 और 5 में सीपीएन-यूएमएल के मुख्यमंत्री होंगे, जबकि प्रांत संख्या 6 और 7 में माओवादी सेंटर के मुख्यमंत्री होंगे। इसी तरह प्रांत संख्या 1,3,6 और 7 में सीपीएन-यूएमल प्रांतीय परिषदों के अध्यक्षों की नियुक्ति करेगा। वहीं, प्रांत संख्या 4 और 5 में माओवादी सेंटर अध्यक्षों को नियुक्त करेगा।
यूएमएल के महासचिव शंकर पोखरैल के अनुसार, दोनों वाम दल प्रांतों में मंत्रियों की संख्या 7 से 11 तक सीमित रखने पर भी सहमत हुए हैं। संयुक्त कार्य दल की बैठक रविवार को सिंह दरबार में हुई, जहां सीटों के लिहाज से 70 : 30 के अनुपात में प्रांतीय सरकार के गठन पर सहमति बनी।
जापान के ‘डिजीटल करेंसी एक्सचेंज’ में हैकर्स का हमला, करोड़ों डॉलर डूबे
टोक्यो, 28 जनवरी (हि.स.)। जापान की डिजीटल करंसी एक्सचेंज कॉइनचेक में हुए हैकिंग हमले में 53.4 करोड़ डॉलर क़ीमत की वर्चुअल करंसी चोरी हो गई। यह जानकारी रविवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
कॉइनचेक जापान की सबसे बड़ी डिजीटल करंसी एक्सचेंज में एक है और अब उसने बिटकॉइन समेत तमाम तरह की क्रिप्टो करंसी में लेन-देन बंद कर दिया है। कंपनी एनईएम नाम की वर्चुअल करंसी में हुए नुक़सान का आंकलन कर रही है।
कंपनी के एक अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा है कि कंपनी निवेशकों का पैसा शायद नहीं लौटा पाए। यदि इस चोरी की पुष्टि हो जाती है तो यह डिजीटल मुद्रा की सबसे बड़ी चोरी होगी।
टोक्यो स्थित एक और एक्सचेंज एमटीगॉक्स ने साल 2014 में स्वीकार किया था कि उसके नेटवर्क से 40 करोड़ डॉलर चुरा ली गई थी। इसके बाद यह डिजीटल एक्सचेंज ठप्प हो गई थी।
ऐसा माना जा रहा है कि कॉइनचेक की जो मुद्रा चोरी हुई है, वह 'हॉट वालेट' में रखी थी जो इंटरनेट से जुड़ा था। वहीं 'कोल्ड वॉलेट' में मुद्रा को ऑफ़लाइन नेटवर्क पर रखा जाता है। कॉइनचेक के मुताबिक, उसे मालूम है कि चुराई गई मुद्रा किन डिजीटल पतों पर भेजी गई है।
कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि हैकर उसके नैटवर्क में शुक्रवार सुबह घुसे थे, लेकिन इस चोरी का पता 8 घंटे बाद ही चल सका। कंपनी पता लगा रही है कि इस हैकिंग हमले में कुल कितने ग्राहक प्रभावित हुए हैं और यह हमला कहां से किया गया है।
ब्लूमबर्ग एजेंसी के मुताबिक चोरी के बाद दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी एनईएम के बाजार भाव में करीब 11 प्रतिशत की गिरावट आई है और इसकी क़ीमत कम होकर 87 सेंट हो गई है। वहीं बिटकॉइन में 3.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है और रिप्पल का भाव 9.9 प्रतिशत गिर गया है। इस कंपनी की स्थापना साल 2012 में स्थापित हुई थी। यह कंपनी टोक्यो में स्थित है और इसमें बीते साल अगस्त तक 71 कर्मचारी कार्यरत थे।