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प्रधानमंत्री ने ईशा फाउंडेशन द्वारा आयोजित 'मिट्टी बचाओ' कार्यक्रम को संबोधित किया
By Deshwani | Publish Date: 5/6/2022 11:43:55 PM
प्रधानमंत्री ने ईशा फाउंडेशन द्वारा आयोजित 'मिट्टी बचाओ' कार्यक्रम को संबोधित किया

दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शुरुआत में विश्व पर्यावरण दिवस पर उपस्थित लोगों को शुभकामनाएं दीं। 'मिट्टी बचाओ आंदोलन' की सराहना करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब राष्ट्र आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान नए संकल्प ले रहा है, ऐसे आंदोलनों को एक नया महत्व प्राप्त होता है। उन्होंने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले 8 वर्षों के प्रमुख कार्यक्रम पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हैं। उन्होंने पर्यावरण के संरक्षण के लिए भारत द्वारा बहुआयामी प्रयासों के उदाहरण के रूप में स्वच्छ भारत मिशन या कचरे से कंचन संबंधी कार्यक्रम, सिंगल यूज प्लास्टिक में कमी, एक सूर्य एक पृथ्वी या इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम का हवाला दिया।





प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए भारत के प्रयास बहुआयामी हैं। भारत यह प्रयास तब कर रहा है जब जलवायु परिवर्तन में भारत की भूमिका न के बराबर है। दुनिया के बड़े आधुनिक देश न केवल पृथ्वी के अधिक से अधिक संसाधनों का दोहन कर रहे हैं, बल्कि अधिकतम कार्बन उत्सर्जन उनके खाते में जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष लगभग 0.5 टन की तुलना में दुनिया का औसत कार्बन फुटप्रिंट लगभग 4 टन प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष है। उन्होंने कहा कि भारत पर्यावरण की रक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसे स्थापित संगठन के सहयोग से दीर्घकालिक दृष्टि पर काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने 2070 तक भारत के नेट-जीरो के लक्ष्य को दोहराया।





प्रधानमंत्री ने कहा कि मिट्टी को बचाने के लिए हमने पांच प्रमुख बातों पर फोकस किया है। पहला- मिट्टी को केमिकल फ्री कैसे बनाएं। दूसरा- मिट्टी में जो जीव रहते हैं, जिन्हें तकनीकी भाषा में आप लोग सॉइल ऑर्गेनिक मैटर कहते हैं, उन्हें कैसे बचाएं। तीसरा- मिट्टी की नमी को कैसे बनाए रखें, उस तक जल की उपलब्धता कैसे बढ़ाएं। चौथा- भूजल कम होने की वजह से मिट्टी को जो नुकसान हो रहा है, उसे कैसे दूर करें। और पांचवां, वनों का दायरा कम होने से मिट्टी का जो लगातार क्षरण हो रहा है, उसे कैसे रोकें।





उन्होंने कहा कि मिट्टी की समस्या को दूर करने के लिए कृषि क्षेत्र में मुख्य प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले हमारे देश के किसान के पास इस जानकारी का अभाव था कि उसकी मिट्टी किस प्रकार की है, उसकी मिट्टी में कौन सी कमी है, कितनी कमी है। इस समस्या को दूर करने के लिए देश में किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड देने का बहुत बड़ा अभियान चलाया गया।





प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार कैच द रेन जैसे अभियानों के माध्यम से जल संरक्षण से देश के जन-जन को जोड़ रही है। इस साल मार्च में ही देश में 13 बड़ी नदियों के संरक्षण का अभियान भी शुरू हुआ है। इसमें पानी में प्रदूषण कम करने के साथ-साथ नदियों के किनारे वन लगाने का भी काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अनुमान है कि इससे 7400 वर्ग किमी का वन क्षेत्र जुड़ जाएगा जो भारत में 20 हजार वर्ग किमी वन क्षेत्र में वृद्धि करेगा जो कि पिछले 8 वर्षों में जोड़ा गया है।
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