राष्ट्रीय
सुप्रीम कोर्ट ने लोहार जाति को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में रखने की अधिसूचना को रद्द किया
By Deshwani | Publish Date: 1/3/2022 2:54:54 PMनई दिल्ली। राज्य सरकार की अधिसूचना को रद्द कर दिया है। सरकार 2016 की अधिसूचना के अनुसार लोहार जाति के लोगों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिया था। जो पहले के अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) से वर्ग से आते रहे हैं। इस अधिसूचना के खिलाफ सुनील कुमार राय ने उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी।
न्यायालय ने कहा है कि लोहार जाति के लोग बिहार में अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में नहीं आते हैं। इस कारण उन्हेंअनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र नहीं दिया जा सकता है। राज्य सरकार की अधिसूचना के खिलाफ सुनील कुमार राय ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कीथी। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने राज्य सरकार की अधिसूचना को रद्दकर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2016 की बिहार सरकार की अधिसूचना को रद्द कर दिया है, जिसके माध्यम से सरकार ने लोहार जाति के लोगों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिया था। जो पहले के अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) से आते रहे हैं।