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प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक को एक डिजिटल हेल्थ आई डी मिलेगी और डिजिटल माध्यम से उनका रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा।
By Deshwani | Publish Date: 27/9/2021 11:55:57 PMआयुष्मान भारत मिशन की शुरुआत। पीआईबी।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरूआत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस मिशन से देश में स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की ताकत मिलेगी। श्री मोदी ने कहा कि 21वीं सदी में आज का दिन बहुत अहम है, क्योंकि देश स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नये चरण में प्रवेश कर रहा है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में बड़ी भूमिका निभाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि आरोग्य सेतु ऐप कोविड संक्रमण को फैलने से रोकने में सहायक साबित हुआ है और को-विन डिजिटल पोर्टल ने 90 करोड़ से अधिक लोगों को कोविडरोधी टीका लगाने में अहम भूमिका निभाई। महामारी के दौरान टेली- मेडिसन का भी अभूतपूर्व विस्तार हुआ और ई-संजीवनी के माध्यम से एक करोड़ 25 लाख लोगों ने इलाज के लिए परामर्श किया। उन्होंने यह भी कहा कि ई-संजीवनी की सुविधा से दूर-दराज के हजारों लोग बड़े शहरों के डॉक्टरों से परामर्श कर पाये। प्रधानमंत्री ने कोविड के दौरान मदद करने वाले डॉक्टरों, नर्सों और अन्य मेडिकल स्टॉफ का आभार व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक को एक डिजिटल हेल्थ आई डी मिलेगी और डिजिटल माध्यम से उनका रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर तीन साल पहले देश में आयुष्मान भारत योजना की शुरूआत की गई थी। प्रधानमंत्री ने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की आज से देशभर में शुरुआत हो रही है। उन्होंने कहा कि भारत में 130 करोड़ आधार नम्बर, 118 करोड़ मोबाइल उपभोक्ता, करीब 80 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ताओं और 43 करोड़ जन धन बैंक खातों के साथ लोगों से जुड़ने वाला दुनिया में सबसे बड़ा बुनियादी ढांचा है। उन्होंने कहा कि डिजिटल बुनियादी ढांचे के कारण ही राशन के साथ-साथ प्रशासन भी आम लोगों तक पहुंच बना सका है।
आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ने भी लोगों को मुफ्त और समय पर मदद पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब तक दो करोड़ से अधिक लोगों जिनमें आधी आबादी महिलाओं की है ने इस योजना का लाभ उठाया।
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत एक समग्र और समावेशी स्वास्थ्य मॉडल पर काम कर रहा है जो सुरक्षित स्वास्थ्य देखभाल, किफायती और सुलभ उपचार उपलब्ध कराए। स्वास्थ्य शिक्षा पर अभूतपूर्व सुधारों पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में पहले के सात-आठ वर्षों के मुकाबले अब बड़ी संख्या में डॉक्टरों और पैरा मेडिकल मानवशक्ति तैयार की जा रही है। देश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और स्वास्थ्य से संबंधित अन्य संस्थानों का नेटवर्क स्थापित किया गया है और हर तीन लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में एक चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किये जाने पर काम किया जा रहा है। गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं को सशक्त बनाने की चर्चा करते हुए श्री मोदी ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो और आरोग्य केन्द्रों के नेटवर्क को और मजबूत बनाया जा रहा है। 80 हजार से अधिक ऐसे केन्द्र पहले ही स्थापित किये जा चके हैं।