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केंद्रीय कृषि मंत्री ने किया किसानों के लिए राष्ट्रीय खाद्य एवं पोषण अभियान का शुभारंभ
By Deshwani | Publish Date: 26/8/2021 9:23:17 PM
केंद्रीय कृषि मंत्री ने किया किसानों के लिए राष्ट्रीय खाद्य एवं पोषण अभियान का शुभारंभ

दिल्ली केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि भारत ने खाद्यान्न के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कृषि व सम्बद्ध उत्पादों में हमारा देश दुनिया में नंबर एक या दो पर है। हमारे किसानों व वैज्ञानिकों की इतनी ताकत है कि हम दुनिया में प्रतिस्पर्धा करें तो लगभग सभी जिंसों में नंबर एक हो सकते हैं। आज इतना उत्पादन व बढ़ती हुई उत्पादकता हम सब के लिए गौरव व प्रसन्नता का विषय है, लेकिन आजादी के 75वें वर्ष में हम ऐसे मुकाम पर खड़े है, जहां हमें आत्मावलोकन करने के साथ ही चुनौतियां तथा उनके समाधान पर विचार करना होगा। श्री तोमर ने यह बात किसानों के लिए राष्ट्रीय खाद्य एवं पोषण अभियान का शुभारंभ करते हुए कही। इसका आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने किया है।

 
 
 
 
मुख्य अतिथि श्री तोमर ने कहा कि वर्षा आधारित व अन्य क्षेत्रों में कब-कौन सी खेती हो व किन बीजों को ईजाद किया जाएं, इस पर आईसीएआर सफलतापूर्वक काम रही है, यह भी प्रयत्न किया जा रहा है कि कृषि व किसान नई तकनीक से जुड़े। उत्पादन में हमारी महारत है लेकिन इस प्रचुरता को प्रबंधित करना भी महत्वपूर्ण है। हमारे उत्पाद गुणवत्तापूर्ण हो, वैश्विक मानकों पर खरे उतरे, किसान महंगी फसलों की ओर आकर्षित हो, कम रकबे-कम सिंचाई में, पर्यावरण के मित्र रहते हुए पढ़े-लिखे युवा कृषि की ओर आकर्षित हो, यह सरकार के साथ किसानों की भी जिम्मेदारी है। कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), कृषि विश्वविद्यालय व राज्य सरकारों के साथ ही भारत सरकार की कोशिश है कि किसान नई-नई चीजों को सीखे, नए बीज व तकनीकें उन तक पहुंचे लेकिन इसकी एक सीमा है, इसलिए सरकार के कृषि विस्तार कार्यक्रमों से किसान भी जुड़े तो सोने में सुहागा हो सकता है। केवीके से जुड़े किसान अन्य किसानों को उन्नत खेती के लिए प्रेरित करें व एफपीओ, एग्री इंफ्रा फंड, परंपरागत खेती के अंतर्गत जैविक खेती का रकबा बढ़ाने सहित विभिन्न योजनाओं में सभी किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करें। हम सबकी कोशिश पूरे गांव को समृद्ध करने की होना चाहिए। इससे क्रमशः विकासखंड, जिला, राज्य और अंततः देश समृद्ध होगा व भारत आत्मनिर्भर बन सकेगा।
 
 
 
 
 
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एक व्यापक दृष्टिकोण के आधार पर वर्ष 2014 से लगातार काम कर रहे हैं। मोदी जी की सरकार आने के समय भारत सरकार का कृषि का बजट लगभग 21 हजार करोड़ रूपए होता था, जिसे बढ़ाकर अब 1.23 लाख करोड़ रू. से अधिक कर दिया गया है। मोदी जी द्वारा ग्राम पंचायतों के विकास के लिए भी वित्त आयोग के अनुदान की राशि लगभग पांच गुना कर दी गई है। कृषि हमारी प्रधानता है, कृषि ने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपनी प्रासंगिकता बार-बार सिद्ध की है। कोविड संकट के बावजूद कृषि का न कोई संस्थान बंद हुआ, न उत्पादन प्रभावित हुआ बल्कि कठिन परिस्थितियों में भी ज्यादा बुआई व बंपर उत्पादन हुआ और सरकार ने पहले से ज्यादा उपार्जन किया है।
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