दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जल सुरक्षा और जल प्रबंधन भावी पीढियों के भविष्य के लिए अति आवश्यक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज विश्व जल दिवस के अवसर पर जल शक्ति अभियान: कैच द रेन कंपेन का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया। इस अभियान का नारा है- 'जहां भी गिरे, जब भी गिरे, वर्षा जल एकत्र करें'
प्रधानमंत्री की उपस्थिति में जल शक्ति मंत्री और मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बीच केन-बेतवा संपर्क परियोजना लागू करने संबंधी समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गये। नदियों को जोड़ने की राष्ट्रीय योजना के तहत यह पहली परियोजना है।
इस परियोजना के तहत दौधन बांध के निर्माण के जरिये केन और बेतवा नदी को जोडने वाली नहर के माध्यम से केन नदी का जल बेतवा नदी में डाला जाएगा। इससे हर वर्ष दस लाख 62 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई होगी। लगभग 62 लाख लोगों को पेयजल की आपूर्ति की जायेगी और 103 मेगावाट पनबिजली पैदा की जा सकेगी।
इस परियोजना से बुंदेलखंड के पानी की कमी वाले क्षेत्रों--विशेषकर पन्ना, टीकमगढ, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी, और मध्य प्रदेश के रायसेन तथा उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर क्षेत्रों को जल आपूर्ति की जा सकेगी। इससे देशभर में जल की कमी दूर करने के लिए नदियों को जोडने की अन्य परियोजनाओं के लिए भी मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।