ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
राष्ट्रीय
भारत बहुपक्षीय लोकतांत्रिक वैश्विक प्रणाली का पक्षधर है: उपराष्ट्रपति
By Deshwani | Publish Date: 15/3/2021 8:44:12 PM
भारत बहुपक्षीय लोकतांत्रिक वैश्विक प्रणाली का पक्षधर है: उपराष्ट्रपति

दिल्ली। उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने आज इस बात पर जोर दिया कि भारत बहुपक्षीय लोकतांत्रिक वैश्विक व्यवस्था का पक्षधर है।अपने उपराष्ट्रपति निवास पर अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) के अध्यक्ष, श्री दुआर्ते पचेको से मुलाकात के दौरान उपराष्ट्रपति ने विकास की लोकतांत्रिक और समावेशी प्रणाली के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। भारत की यह प्रतिबद्धता उसके द्वारा विश्व भर के अनेक देशों को कोविड-19 के विरुद्ध वैक्सीन उपलब्ध कराए जाने में परिलक्षित भी हुई है।





उन्होंने कहा कि भारत ने 154 से अधिक देशों को कोविड-19 से संबंधित दवा और अन्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सकीय सहायता प्रदान की है तथा भारत के रैपिड रिस्पॉन्स दल कई देशों में तैनात  भी हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी आपदाओं की स्थिति में भारत ने सदैव अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वहन किया है। अधिक से अधिक लोगों का जीवन बचाना, यही हमारा लक्ष्य रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत 1949 से ही आईपीयू में सक्रिय भूमिका निभाता रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आईपीयू लोकतांत्रिक शासन पद्धति को और समृद्ध एवं दृढ़ करने की दिशा में काम करेगा। श्री नायडू ने कहा कि आईपीयू को द्विपक्षीय मुद्दों को उठाने से बचना चाहिए।




विश्व शांति में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए श्री नायडू ने कहा कि शांति और लोकतंत्र आधुनिक समाज के दो महत्वपूर्ण आधार हैं। विश्व भर में अतिवादी संगठनों द्वारा की जा रही हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति ने इसे शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि सभी देशों के समावेशी और सतत विकास के लिए शांति एक जरूरी शर्त है।

इस अवसर पर राज्य सभा के महासचिव डॉ. देश दीपक वर्मा, उपराष्ट्रपति के सचिव डॉ. आई वी सुब्बाराव तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS