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कैबिनेट ने भारत और मॉरीशस के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौते को मंजूरी दी
By Deshwani | Publish Date: 17/2/2021 8:34:51 PM
कैबिनेट ने भारत और मॉरीशस के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी  समझौते को मंजूरी दी

दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और मॉरीशस के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौते (सीईसीपीए) पर हस्ताक्षर किये जाने की मंजूरी दी है।


 

भारत-मॉरीशस सीईसीपीए की मुख्य विशेषताएं निम्न हैं:    

 

भारत-मॉरीशस सीईसीपीए, पहला व्यापार समझौता है, जो अफ्रीका के किसी देश के साथ किया जा रहा है। यह समझौता एक सीमित समझौता है, जो वस्तुओं के व्यापार, मूल नियमों, सेवाओं में व्यापार, व्यापार में तकनीकी बाधाओं (टीबीटी), स्वच्छता और पादप स्वच्छता (एसपीएस) उपायों, विवाद निपटान, नागरिकों के आवागमन, दूरसंचार, वित्तीय सेवाओं, सीमा शुल्क प्रक्रियाओं और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को कवर करेगा।

 

प्रभाव या लाभ: 

 

सीईसीपीए दोनों देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने और बेहतर बनाने के लिए एक संस्थागत तंत्र प्रदान करता है। भारत और मॉरीशस के बीच सीईसीपीए में भारत के लिए 310 निर्यात वस्तुओं को शामिल किया गया है -खाद्य सामग्री और पेय पदार्थ (80 लाइनें), कृषि उत्पाद (25 लाइनें), वस्त्र और वस्त्र उत्पाद (27 लाइनें), आधार धातु और इनसे बने उत्पाद (32 लाइनें), बिजली और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद (13 लाइनें), प्लास्टिक और रसायन (20 लाइनें), लकड़ी तथा लकड़ी से बने सामान (15 लाइनें) और अन्य। मॉरीशस को अपने 615 उत्पादों; जिनमें फ्रोजेन फिश, विशेष प्रकार की चीनी, बिस्कुट, ताजे फल, जूस, मिनरल वाटर, बीयर, मादक पेय, साबुन, बैग, चिकित्सा और शल्य-चिकित्सा उपकरण और परिधान शामिल हैं, के लिए प्राथमिकता की आधार पर भारतीय बाजार में पहुंच से लाभ मिलेगा।

 

सेवा-व्यापार के संबंध में, भारतीय सेवा प्रदाताओं को, 11 व्यापक सेवा क्षेत्रों जैसे पेशेवर सेवाओं, कंप्यूटर से संबंधित सेवाओं, अनुसंधान और विकास अन्य व्यावसायिक सेवाएँ, दूरसंचार, निर्माण, वितरण, शिक्षा, पर्यावरण, वित्तीय, पर्यटन और यात्रा संबंधी, मनोरंजन, योग, ऑडियो-विज़ुअल सेवाएँ और परिवहन सेवाएँ आदि के अंतर्गत से लगभग 115 उप-क्षेत्रों तक पहुंच प्राप्त होगी।

 

भारत ने 11 व्यापक सेवा क्षेत्रों के अंतर्गत लगभग 95 उप-क्षेत्रों की पेशकश की है, जिनमें पेशेवर सेवाएं, आर एंड डी, अन्य व्यावसायिक सेवाएं, दूरसंचार, वित्तीय, वितरण, उच्च शिक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य, पर्यटन और यात्रा से संबंधित सेवाएं, मनोरंजक सेवाएं और परिवहन सेवाएं शामिल हैं। 

 

दोनों पक्ष समझौते पर हस्ताक्षर करने के दो साल के भीतर सीमित संख्या में अति संवेदनशील उत्पादों के लिए एक स्वचालित ट्रिगर सुरक्षा तंत्र (एटीएसएम) पर बातचीत करने के लिए भी सहमत हुए हैं।

 

टाइमलाइन

 

इस समझौते पर दोनों देशों के संबंधितों द्वारा पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तारीख पर हस्ताक्षर किए जाएंगे जो उससे अगले महीने की पहली तारीख से लागू होंगे।

 

पृष्ठभूमि:

 

भारत और मॉरीशस के द्विपक्षीय संबंध शानदार रहे हैं, जिसे ऐतिहासिक सांस्कृतिक समानताओं, निरंतर उच्च-स्तरीय राजनीतिक संपर्क, विकास सहयोग, रक्षा और समुद्री साझेदारी और दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी सम्बन्ध से मजबूती मिलती रही है।

 

मॉरीशस भारत का एक महत्वपूर्ण विकास भागीदार है। भारत ने 2016 में मॉरीशस को 353 मिलियन डॉलर का 'विशेष आर्थिक पैकेज' दिया था। सुप्रीम कोर्ट की नयी इमारत परियोजना इस पैकेज के तहत लागू होने वाली पांच परियोजनाओं में से एक है और इसका उद्घाटन जुलाई, 2020 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा मॉरीशस के प्रधानमंत्री श्री प्रविंद जगन्नाथ द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने अक्टूबर 2019 में संयुक्त रूप से विशेष आर्थिक पैकेज के तहत मॉरीशस में निर्मित मेट्रो एक्सप्रेस परियोजना, चरण -I और 100-बेड वाले अत्याधुनिक ईएनटी अस्पताल का उद्घाटन किया था। 

 

भारत, 2005 के बाद से, मॉरीशस के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक रहा है और मॉरीशस के लिए माल और सेवाओं के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है। इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर (आईटीसी) के अनुसार, 2019 में, मॉरीशस के मुख्य आयात भागीदार थे - भारत (13.85 प्रतिशत), चीन (16.69 प्रतिशत), दक्षिण अफ्रीका (8.07 प्रतिशत) और यूएई (7.28 प्रतिशत)। भारत और मॉरीशस के बीच द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2005-06 के 206.76 मिलियन डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2019-20 में 690.02 मिलियन डॉलर हो गया और इसमें 233 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। मॉरीशस के लिए भारत का निर्यात वित्त वर्ष 2005-06 के 199.43 मिलियन डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2019-20 में 662.13 मिलियन डॉलर हो गया और इसमें 232 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। मॉरीशस से भारत का आयात 2005-06 के 7.33 मिलियन डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2019-20 में 27.89 मिलियन डॉलर हो गया है और इसमें 280 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है।

 

भारत-मॉरीशस सीईसीपीए, दोनों देशों के बीच पहले से ही गहरे और विशिष्ट संबंधों को और मजबूती प्रदान करेगा।
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