प्रधानमंत्री ने प्रणालियों और प्रक्रियाओं के समेकन के माध्यम से 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के बारे में विस्तृत जानकारी दी
दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज पहली बिना ड्राइवर के चलने वाली मेट्रो रेल के परिचालन का उद्घाटन करते हुए दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन में नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड का शुभारंभ भी किया। यह कार्ड पिछले साल अहमदाबाद में शुरू किया गया था। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने अपने ‘न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन’ मंत्र के एक महत्वपूर्ण पहलू अर्थात ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के विजन को मजबूत बनाने की प्रणालियों और प्रक्रियाओं के समेकन पर भी ध्यान केंद्रित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिकीकरण के लिए समान मानक और सुविधाएं उपलब्ध कराना बहुत महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय स्तर पर कॉमन मोबिलिटी कार्ड इस दिशा में एक प्रमुख कदम है। यह कार्ड यात्रियों को जब भी वे यात्रा करते हैं, जिस भी सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करते हैं, वहां एकीकृत पहुंच प्रदान करेगा।
कॉमन मोबिलिटी कार्ड का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने जीवन को सुगम बनाने में बेहतरी के लिए सभी प्रणालियों और प्रक्रियाओं को समेकित करने की प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रणालियों के ऐसे समेकन से देश की शक्ति का अधिक समन्वित और कुशल तरीके से उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि "वन नेशन, वन मोबिलिटी कार्ड की तरह हमारी सरकार ने पिछले वर्षों में देश की प्रणालियों को एकीकृत करने की दिशा में भी कई काम किए हैं।वन नेशन, वन फास्टैग ने देश भर में राजमार्गों पर यात्रा को सहज बना दिया है। इससे यात्रियों को जाम और देरी से राहत मिली है। वन नेशन, वन टैक्स अर्थात जीएसटी ने कर प्रणाली की जटिलताओं को समाप्त करके अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में एकरूपता ला दी है। वन नेशन, वन पावर ग्रिड, देश के हर हिस्से में पर्याप्त और लगातार विद्युत उपलब्धता सुनिश्चित कर रहा है। विद्युत हानि में भी कमी हुई है।
वन नेशन, वन गैस ग्रिड, सहज गैस कनेक्टिविटी से देश के उन हिस्सों में गैस की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है, जहां गैस आधारित जीवन और अर्थव्यवस्था सपना हुआ करती थी। वन नेशन, वन हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम यानी आयुष्मान भारत के माध्यम से लोग देश में कहीं भी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। वन नेशन, वन राशन कार्ड से एक स्थान से दूसरे स्थान जाने वाले नागरिकों को नया राशन कार्ड बनाने की परेशानी से मुक्ति मिली है। इसी प्रकार, देश नए कृषि सुधारों और ई-नाम जैसी व्यवस्थाओं के कारण वन नेशन, वन कृषि बाजार की दिशा में आगे बढ़ रहा है।