भारत पहुंचा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री का अभेद्य किला 'एयर इंडिया वन' विमान, जानें इसकी खासियतें
नई दिल्ली। भारत के वीवीआइपी बेड़े के लिए 'एयर इंडिया वन' का हो रहा इंतजार अब खत्म हो गया है। 'एयर इंडिया वन' विमान दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंच गया है। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए खरीदे गए दो वीवीआईपी 'एयर इंडिया वन' विमानों में से पहला विमान गुरुवार शाम भारत पहुंचा है।
भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए खरीदे गए दो बोइंग-777-300 ईआर विमान तैयार हैं। भारत को मिलने वाले इन दो नए विमानों का इस्तेमाल प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की उड़ान के लिए किया जाएगा, जिसे वायु सेना के पायलट उड़ाएंगे।
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए खरीदे गए दो बोइंग-777-300 ईआर विमान एडवांस कम्युनिकेशन सिस्टम से लैस है, जो बिना हैक किए मिड-एयर में ऑडियो और वीडियो कम्युनिकेशन फंक्शन की सुविधा देता है।
बता दें कि दो बोइंग 777-300 एक्सटेंडेड रेंज (ईआर) एयरक्राफ्ट में से पहला, उन्नत सुरक्षा प्रणाली के साथ रेट्रोफिटेड है ताकि आने वाली मिसाइलों और एन्क्रिप्टेड संचार सुविधाओं को जाम और पराजित किया जा सके।
अमेरिका के राष्ट्रपति के लिए इस्तेमाल होने वाले 'एयर फोर्स वन' की तर्ज पर ये विमान लार्ज एयरक्राफ्ट इन्फ्रारेड काउंटर्मेशर (LAIRCM) यानी ऐसी तकनीक जिससे इन विमानों पर मिसाइलों से हमला संभव नहीं होगा, से लैस है।
इन सुरक्षा प्रणालियों में अकेले अमेरिका के साथ शामिल विदेशी सैन्य बिक्री सौदे में 1,365 करोड़ की लागत आई है। इसके अलावा इन विमानों में सेल्फ प्रोटेक्शन स्वीट भी होगा। इन विमानों को 'एयर इंडिया वन' या 'इंडियन एयर फोर्स वन' का नाम दिया गया है।
फिलहाल देश में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति एयर इंडिया के B747 विमान से यात्रा करते हैं। प्रधानमंत्री और अन्य वीवीआइपी लोगों द्वारा इस्तेमाल होने वाले इन विमानों को एयर इंडिया वन कहा जाता है। अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले पीएम समेत वीवीआइपी लोगों के इस्तेमाल में लगे B747 विमानों का इस्तेमाल वाणिज्यिक परिचालन के लिए किया जाएगा।
क्या है इस विमान की खासियत...
-- मिसाइल एप्रोच वार्निंग सिस्टम: इस वार्निंग सिस्टम में लगे सेंसर की मदद से पायलट को मिसाइलों पर हमला करने में मदद मिलती है।
-- इलेक्ट्रोनिक वॉरफेयर जैमर: दुश्मन के जीपीएस और ड्रोन सिग्नल को ब्लॉक करने का काम करता है।
-- डायरेक्शनल इंफ्रारेड काउंटरमेजर सिस्टम: यह मिसाइल रोधी प्रणाली है, जो विमान को इंफ्रारेड मिसाइल से बचाती है।
-- चाफ एंड फ्लेयर्स सिस्टम: रडार ट्रैकिंग मिसाइल से खतरा होने पर बादलुनमा चाफ छोड़े जाते हैं, जिससे आगे छिपकर विमान निकल जाता है।
-- मिरर बॉल सिस्टम: डैनों में लगी यह तकनीक विमान को इंफ्रारेड मिसाइल से बचाती है।
-- सुरक्षित सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम: विमान चाफ एंड फ्लेयर्स सिस्टम से लैस है। इससे रोशनीनुमा फ्लेयर्स मिसाइल को भ्रमित करने के लिए छोड़े जाते हैं। इनका तापमान जेट इंजन के नोजल या एक्जॉस्ट से ज्यादा 2,000 डिग्री फॉरेनहाइट होता है। इसमें सबसे आधुनिक और सिक्योर सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम भी लगा है।
-- हवा में ईंधन भरने की सुविधा: इस विमान में हवा में ईंधन भरने की सुविधा है। एक बार ईंधन भरने पर यह विमान लगातार 17 घंटे तक उड़ान भर सकता है।