निर्भया को इंसाफ दिलाने वाली सीमा लड़ेंगी हाथरस की बेटी का केस, पीड़ित परिवार से करेंगीं मुलाकात
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार युवती की मौत के बाद उसे इंसाफ दिलाने की जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट की सबसे चर्चित मशहूर वकील सीमा समृद्धि ने ली है। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई है। मिली जानकारी के मुताबिक, सीमा अब हाथरस दुष्कर्म कांड मामले में केस लड़ेंगी, वह भी बिना फीस लिए। इसके लिए वह शुक्रवार को हाथरस जाकर दुष्कर्म कांड के पीड़ित परिवार से भी मुलाकात करेंगीं।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। जनहित याचिका में मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या एसआईटी से कराने की मांग की गई है। याचिका में जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के वर्तमान या रिटायर्ड न्यायाधीश से कराने की मांग भी की गई है।
जनहित याचिका सामाजिक कार्यकर्ता सत्यम दुबे, अधिवक्ता विशाल ठाकरे और रुद्र प्रताप यादव ने दायर की है। याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत से निष्पक्ष जांच के लिए उचित आदेश पारित करने का आग्रह किया है और साथ ही अपील की है कि या तो इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए या एसआईटी द्वारा इसकी जांच हो।
याचिका में कहा गया है कि जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के वर्तमान या रिटायर्ड न्यायाधीश से कराई जानी चाहिए। इसके अलावा जनहित याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में मामले की जांच और ट्रायल निष्पक्ष नहीं हो पाएगा, इसलिए इस मामले को दिल्ली स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
याचिका में कहा गया है कि पीड़िता के साथ पहले दुष्कर्म किया गया और फिर बेरहमी से मारपीट की गई और एक मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, उसकी जीभ कटी हुई थी और उसकी गर्दन और पीठ की हड्डियां आरोपियों ने तोड़ दीं। इसके बाद पीड़िता ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया।
बता दें कि सीमा समृद्धि ने निर्भया केस भी लड़ा था और अंत में चारों दरिंदों (मुकेश सिंह, अक्षय सिंह ठाकुर, पवन कुमार गुप्ता और विनय कुमार शर्मा) को 20 मार्च को फांसी दिलाई थी। यह सच है कि दिल्ली के निर्भया कांड में सीमा समृद्धि के प्रयासों के चलते ही चारों दोषियों को फांसी मिल सकी था, ऐसे में यदि वो इस मामले को हाथ में लेती हैं, तो हाथरस पीड़िता को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ जाएगी।