ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
राष्ट्रीय
दिल्ली हाई कोर्ट ने आप सरकार के 33 निजी अस्पतालों में आईसीयू बिस्तर आरक्षित वाले आदेश पर लगाई रोक
By Deshwani | Publish Date: 22/9/2020 8:18:41 PM
दिल्ली हाई कोर्ट ने आप सरकार के 33 निजी अस्पतालों में आईसीयू बिस्तर आरक्षित वाले आदेश पर लगाई रोक

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने आप सरकार द्वारा 33 बड़े निजी अस्पतालों को कोविड-19 मरीजों के लिए 80 प्रतिशत आईसीयू बिस्तर आरक्षित रखने के आदेश पर रोक लगाते हुए इसे मनमाना और अनुचित बताया है। न्यायमूर्ति नवीन चावला ने कहा कि दिल्ली सरकार का 13 सितंबर का आदेश पहली दृष्टि में मनमाना, अनुचित एवं नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन प्रतीत होता है।
 
हाई कोर्ट ने आईसीयू बिस्तर आरक्षित रखने के आदेश को खारिज करने के आग्रह वाली ‘एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स’ की याचिका पर दिल्ली सरकार और केंद्र को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा। अदालत ने कहा, प्रथम दृष्ट्या यह आदेश मनमाना, अनुचित एवं नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन प्रतीत होता है। मामले की अगली सुनवाई तक इस आदेश के क्रियान्वयन पर रोक रहेगी।
 
अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 16 अक्टूबर की तारीख तय की है। एसोसिएशन ने कहा कि यह 33 अस्पताल उसके सदस्य हैं और दिल्ली सरकार के आदेश को रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि यह विवेकहीन तौर पर पारित किया गया है। दिल्ली सरकार ने अपने आदेश का बचाव करते हुए कहा कि यह केवल 33 अस्पताल हैं और 20 प्रतिशत आईसीयू बिस्तर अन्य मरीजों (जिन्हें कोरेाना वायरस नहीं है) के लिए आरक्षित रहेंगे। साथ ही आदेश पारित करते समय वायरस के अचानक बढ़ते मामलों को भी ध्यान में रखा गया है।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS