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भव्य समारोह में आज औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल होंगे पांच राफेल जेट
By Deshwani | Publish Date: 10/9/2020 9:41:33 AM
भव्य समारोह में आज औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल होंगे पांच राफेल जेट

नई दिल्ली। देश के महाबली फाइटर जेट रफाल को औपचारिक रूप से गुरुवार को यानी आज भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाएगा। रफाल 17वें स्क्वाड्रन, "गोल्डन ऐरो" का हिस्सा बनेगा। औपचारिक अनावरण पारंपरिक रूप से आयोजित 'सर्व धर्म पूजा' के साथ किया जाएगा। इंडक्शन सेरेमनी में चीफ गेस्ट के तौर पर फ्रांस की रक्षा मंत्री फलोरेंस पार्ले और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह होंगे। साथ ही इस ऐतिहासिक क्षण पर CDS जनरल विपिन रावत और वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया मौजूद रहेंगे। 

 
समारोह में फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल में फ्रांसीसी दूत इमैनुएल लेनैन, एयर जनरल एरिक ऑटोलेट, फ्रांसीसी वायु सेना के उपाध्यक्ष, डसॉल्ट एविएशन के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी एरिक ट्रैपियर और मिसाइल निर्माता एमबीडीए एरिक एनांगर के सीईओ शामिल होंगे।
 
समारोह के लिए अंबाला एयरफोर्स स्टेशन के अलावा कैंट इलाके में आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सैन्य टीमें गश्त पर उतर आई हैं। सेना की हथियारबंद टुकड़ियां बाजारों और वहां के मुख्य मार्गों पर गश्त कर रही हैं। सेना क्षेत्रों को जाने वाले मार्गों पर भी चौकसी बढ़ा दी गई। फ्रांस के साथ हुए समझौते के तहत राफेल फाइटर जेट की पहली खेप जुलाई में अंबाला एयरबेस पहुंची थी जिसमें 5 राफेल शामिल थे। फ्रांस की रक्षा मंत्री के साथ डिफेंस मैन्युफैक्चर इंडस्ट्री के कुछ प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे।
 
बता दें कि फ्रांसीसी एयरोस्पेस प्रमुख डसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित राफेल जेट, हवाई-श्रेष्ठता और सटीक हमलों के लिए जाना जाता है। राफेल विमानों का निर्माण फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने किया है। वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर इंद्रनील नंदी ने कहा कि राफेल विमानों को बल के 17वें स्क्वॉड्रन में शामिल करने से पहले उन्हें पानी की बौछारों से पारंपरिक सलामी दी जाएगी।
 
29 जुलाई को पहली खेप के तहत पांच राफेल विमान भारत लाए गए थे। भारत ने लगभग चार साल पहले फ्रांस से 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया था। चार से पांच राफेल जेट के दूसरे बैच के नवंबर तक भारत पहुंचने की संभावना है।
 
अगले दो सालों में वायुसेना में राफेल के दो स्क्वाड्रन में 36 विमान शामिल होंगे। राफेल का पहला स्क्वाड्रन अंबाला में और दूसरा पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में होगा। राफेल अंबाला से पाकिस्तान पर और हाशिमारा से चीन पर नजर रखेगा। साल 2016 में भारत सरकार ने फ्रांस सरकार के साथ 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल खरीदने का फैसला किया था। विपक्ष और खासकर कांग्रेस ने इस सौदे पर सरकार पर आरोप लगाया था कि यह काफी मंहगा सौदा है।
 
राफेल 4.5 जनरेशन के दुनिया के बेहतरीन लड़ाकू विमानों में एक है। यह दो इंजन वाला मल्टी रोल एयरकाफ्ट है। यह एक ऐसा एयरक्राफ्ट है जो एक ही उड़ान में कई मिशन को अंजाम दे सकता है। राफेल में मेटेओर मिसाइल लगी हैं। यह 150 किलोमीटर तक हवा से हवा में मार करने वाली दुनिया की घातक मिसाइलों में से एक है।
 
इसमें स्कैल्प मिसाइल भी लगी है जो हवा से जमीन पर मार करने के लिए है। यह 300 किलोमीटर तक दुश्मन के घर में घुसकर मार करने में सक्षम है। तीसरी मिसाइल मीका है, जो हवा से हवा में मार करती है। इसकी रेंज है करीब 80 किलोमीटर। साथ में इसमें खतरनाक हैमर मिसाइल भी है जो हवा से जमीन पर 60 किलोमीटर तक हमला कर सकती है।
 
राफेल की रफ्तार 2,130 प्रतिघंटा है। यह रडार को चकमा देने में माहिर है। यह दूर से ही दुश्मन पर बाज की तरह नजर रख सकता है। एक मिनट में 60 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। यह 24500 किलोग्राम तक का वजन ले जाने में सक्षम है। यह परमाणु हमला भी कर सकता है। राफेल चीन के जे 20 और पाकिस्तान के एफ 16 से कहीं आगे है। इसके मुकाबले में यह दोनों विमान कहीं नहीं ठहरते।
 
बता दें कि राफेल अफगानिस्तान और लीबिया में अपनी ताकत दिखा चुका है। बड़ी बात ये है कि भारतीय वायुसेना की जरूरत के मुताबिक विमान में फेरबदल भी किए गए हैं। सटीक मारक क्षमता और अत्याधुनिक मिसाइलों से लैस राफेल की टक्कर का कोई विमान आसपास नहीं है। इस वजह से कोई भी इससे टकराने से पहले कई बार सोचेगा।
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