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चीन सीमा पर तनाव के बीच रूस के लिए रवाना हुए विदेश मंत्री जयशंकर, ईरान में भी रुकेंगे
By Deshwani | Publish Date: 8/9/2020 1:04:44 PM
चीन सीमा पर तनाव के बीच रूस के लिए रवाना हुए विदेश मंत्री जयशंकर, ईरान में भी रुकेंगे

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सीमा पर हुए ताजा तनाव से हालात फिर बिगड़ते दिख रहे हैं। इस बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर आज ही रूस के लिए रवाना हुए, जहां पर उन्हें शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेना है। रूस जाने के दौरान आज उनके ईरान रुकने की संभावना है।  
 
प्राप्त जानकारी के  मुताबिक एस जयशंकर मॉस्को में चीनी समकक्ष वांग यी के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता भी कर सकते हैं। जयशंकर मॉस्को में आयोजित होने वाली आठ सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने जा रहे हैं जिसमें भारत और चीन के सदस्य है। ये तीसरा मौका होगा जब भारत SCO के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेगा। इससे पहले भारत ने चीन और चेक रिपब्लिक में हुई बैठक में हिस्सा लिया था।
 
रूस की राजधानी मॉस्को में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से संभावित मुलाकात से पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पड़ोसी देश को सीमा पर जारी तनाव को लेकर स्पष्ट संदेश दे दिया है। जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ सीमा पर बनी स्थिति को पड़ोसी देश के साथ समग्र रिश्तों की स्थिति से अलग करके नहीं देखा जा सकता। विदेश मंत्री ने पूर्वी लद्दाख के हालात को ‘बहुत गंभीर’ करार दिया है। जयशंकर ने कहा कि ऐसे हालात में दोनों पक्षों के बीच राजनीतिक स्तर पर ‘बहुत बहुत गहन विचार-विमर्श’ की जरूरत है।
 
बता दे कि जयशंकर की यात्रा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मॉस्को यात्रा के महज कुछ दिन बाद हो रही है। राजनाथ सिंह एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए रूस गए थे।  बीते शुक्रवार को सिंह और चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगही की करीब दो घंटे तक पूर्वी लद्दाख में सीमा पर बढ़े तनाव को लेकर बैठक हुई थी। इस बातचीत में सिंह ने वेई को विशेष तौर पर कहा कि भारत अपनी ‘एक इंच जमीन नहीं छोड़ेगा’ और वह किसी भी कीमत पर अपनी अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
 
आधिकारिक बयान के मुताबिक सिंह ने चीनी समकक्ष को बता दिया कि चीन को सख्ती से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का सम्मान करना चाहिए और यथा स्थिति को बदलने के लिए कोई भी एकतरफा कोशिश नहीं करनी चाहिए। पूर्वी लद्दाख में मई के शुरुआत में शुरू हुई तनातनी के बाद दोनों पक्ष की शीर्षस्थ स्तर पर यह पहली आमने-सामने की बैठक थी।
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