सोनिया गांधी कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनी रही रहेंगी, कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में हुआ फैसला
नई दिल्ली। सात घंटे चली कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के बाद आखिरकार सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष बने रहने पर सहमति जताई हैं। सोनिया गांधी एक साल तक कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी। गौरतलब है कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में पद छोड़ने की पेशकश की थी और कहा कि सीडब्ल्यूसी नया अध्यक्ष चुनने के लिए प्रक्रिया आरंभ करे।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोनिया गांधी को भेजी गई नेताओं की चिट्ठी की टाइमिंग पर सवाल उठाए। राहुल का आरोप था कि पार्टी नेताओं ने यह सब भाजपा की मिलीभगत से किया। राहुल गांधी के इस बयान को बमुश्किल 20-25 मिनट नहीं बीते होंगे कि उनका विरोध शुरू हो गया। विरोध करने वालों में सबसे आगे थे गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल। बाद में कांग्रेस ने कहा कि राहुल ने भाजपा के साथ मिलीभगत जैसा या इससे मिलता-जुलता एक शब्द भी नहीं बोला था।
गुलाम नबी आजाद ने दी सफाई
कांगेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को नेतृत्व परिवर्तन के बारे में लिखे गए पत्र के बाद भाजपा के साथ साठ-गांठ के आरोपों का सामना कर रहे कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने सफाई दी है कि पाटी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन पर इस तरह का कभी कोई आरोप नहीं लगाया है। आजाद ने टवीट कर कहा, 'मीडिया का एक हिस्सा यह गलत खबर दे रहा है कि कार्य समिति की बैठक में मैंने राहुल गांधी को कहा कि वह साबित करे कि हमने भाजपा के साथ सांठ-गांठ करके पत्र लिखा। इस बारे में मुझे स्पश्ट करना है कि राहुल गांधी ने न तो कार्य समिति की बैठक में और ना ही इससे बाहर कभी कहा कि यह पत्र भाजपा के साथ मिलीभगत करके लिखा गया है।'
आजाद ने कल दिए गए अपने एक बयान के बारे में भी स्पश्टीकरण देते हुए कहा 'कल जब कांग्रेस के कुछ लोगों ने कहा कि हमने यह पत्र भाजपा के साथ सांठ-गांठ करके लिखा है तो इस संदर्भ में मैंने कहा था-यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ सहयोगी (कार्य समिति के सदस्य नहीं) हम पर आरोप लगा रहे हैं कि भाजपा के साथ मिलकर यह पत्र लिखा गया है और यदि वे इस आरोप को साबित कर देंगे तो मैं इस्तीफा दे दूंगा।'
इससे पहले सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले कांग्रेस नेताओं में शामिल कपिल सिब्बल ने भी कहा कि भाजपा के साथ सांठ-गांठ कर पत्र लिखने वाले आरोप से वह बहुत व्यथित है लेकिन बाद में उन्होंने टवीट किया 'मुझे राहुल गांधी ने व्यक्तिगत रूप से सूचित किया है कि उन्होंने कभी यह नहीं कहा कि पत्र मिलीभगत से लिखा गया है। इसके बाद मैंने अपना टवीट वापस ले लिया।'