• कारोबार के लिए तीन लाख करोड रुपये के ऋण बिना किसी जमानत के दिया जाएगा
नई दिल्ली। आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत सरकार ने आज पहले प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने का आह्वान करते हुए इस योजना का एलान किया था।
आज नई दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित वित्तीय पैकेज के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बीस लाख करोड रुपए, यानी देश के सकल घरेलू उत्पाद के दस प्रतिशत के बराबर के इस पैकेज से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों--एमएसएमई, श्रमिकों, मध्यम वर्ग और उद्योगों समेत समाज के विभिन्न वर्गों को फायदा होगा।
बीस हजार करोड रुपए के एक अन्य पैकेज से आर्थिक संकट से गुजर रही दो लाख इकाइयों को लाभ होगा। वित्तमंत्री ने बताया कि एक्विटी के माध्यम से एमएसएमई. में पचास हजार करोड़ रुपए लगाए जाएंगे। घरेलू कंपनियों के लिए नए अवसरों की घोषणा करते हुए श्रीमती सीतारामन ने कहा कि सरकारी खरीद के तहत दो सौ करोड रुपए की खरीद वैश्विक निविदा प्रणाली के जरिए नहीं की जाएगी।
एमएसएमई. को ई-मार्केट से भी जोडने की घोषणा की गई है। जिससे छोटे आर मझोले उद्योगों को अपने उत्पादों की ब्रिकी में मदद मिलेगी। सरकारी संगठनों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निर्देश दिया गया है कि एमएसएमई. की तरफ अपनी सभी लम्बित देनदारियां अगले 45 दिनों में चुका कर दें।
श्रीमती सीतारामन ने छह लाख चालीस हजार करोड रुपए के 15 विशेष वित्तीय पैकेजों की घोषणा की, जो एम.एस.एम.ई., विद्युत वितरण कंपनियों, रियल एस्टेट, मध्यम वर्ग, करदाताओं और अन्य लोगों के लाभ के लिए हैं। एक ऐतिहासिक फैसले में एम.एस.एम.ई. का दायरा बढा दिया गया है और छोटे तथा सूक्ष्म उद्यमों का भी इसमें शामिल कर लिया गया है। एम.एस.एम.ई. की परिभाषा में बदलाव के फैसले से इस क्षेत्र की उत्पादकता और प्रतिस्पर्धा क्षमता में बढोतरी होगी। एम.एस.एम.ई. क्षेत्र को जोरदार बढावा देने के प्रयास के तहत तीन लाख करोड रुपए के ऋण, बिना किसी जमानती के देने और ब्याज या मूलधन की वापसी के लिए बारह महीने की मोहलत देने की घोषणा की है। इस ऋण से 45 लाख छोटी और मझोली इकाइयों को फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने कल आत्मनिर्भर भारत की अपनी परिकल्पना की रूपरेखा देशवासियों के सामने प्रस्तुत की थी और भारतीयों को स्थानीय उत्पादों की खरीद के लिए प्रोत्साहित किया था। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की यह परिकल्पना समाज के विभिन्न वर्गों के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार की गई।