बचत खाता ग्राहकों के हित में एसबीआई का बड़ा एलान, मिनिमन बैलेंस की अनिवार्यता खत्म, नहीं लगेगा एसएमएस चार्ज भी
नई दिल्ली। एसबीआई ने बचत खाता के लिए एक औसत मासिक न्यूनतम राशि रखने की अनिवार्यता बुधवार को समाप्त करने की घोषणा की। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक द्वारा अपने बचत खाताधारकों दी गई बड़ी सौगात मानी जा रही है। इसके साथ ही हर तिमाही वसूला जाने वाला एसएमएस चार्ज भी खत्म कर दिया गया है।
बैंक का कहना है कि 'सबसे पहले ग्राहक हित' की नीति पर चलते हुए उसने यह कदम उठाया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन रजनीश कुमार का कहना है कि यह फैसला और अधिक लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने वाला होगा।
गौरतलब है कि, एसबीआई की अलग-अलग कैटिगरी के सेविंग्स अकाउंट खाताधारकों को मिनिमम बैलेंस के तौर पर 1000 रुपये से 3000 रुपये तक खाते में रखना पड़ता है। मेट्रो सिटी में मिनिमम बैलेंस 3000 रुपये, कस्बों में 2000 रुपये और ग्रामीण इलाके के सेविंग्स अकाउंट में न्यूनतम 1000 रुपये रखना होता है। औसत मासिक न्यूनतम राशि को बनाए नहीं रखने की स्थिति में खाताधारकों को पांच से 15 रुपये जुर्माने और टैक्स का भुगतान करना होता है।
एसबीआई ने बुधवार को विभिन्न अवधि के लिए एमसीएलआर में 0.15 फीसदी तक की कटौती की है, जो 10 मार्च से लागू होगी। यह मौजूदा वित्त वर्ष 2019-20 में लगातार 10वीं बार है जब बैंक ने अपने एमसीएलआर में कटौती की है।
एसबीआई के इस कदम के बाद अब बैंक के सभी बचत खाताधारकों को जीरो बैलेंस खाते की सुविधा मिलने लगेगी। बैंक ने हर तिमाही वसूला जाने वाला एसएमएस चार्ज भी खत्म कर दिया है। इसके अलावा बैंक ने सभी बचत खातों पर ब्याज दर घटाकर समान रूप से तीन प्रतिशत वार्षिक कर दिया है।
बैंक की ओर से जारी बयान के मुताबिक, इस कदम से एसबीआई के 44.51 करोड़ बचत खाताधारकों को फायदा होगा।
एसबीआई ने बुधवार को एफडी पर मिलने वाली ब्याज दर को भी घटा दिया है। बैंक ने 2 करोड़ रुपये से कम की रिटेल एफडी पर ब्याज दरें 7-45 दिन से लेकर 5-10 साल की अवधि तक 0.50 फीसदी तक घटा दिया है। नई ब्याज दरें 10 मार्च से लागू हो गई हैं। इसके अलावा बैंक से कर्ज लेना सस्ता हो गया है।