राष्ट्रीय
अनुसूचित जाति-जनजाति पदोन्नति में आरक्षण मुद्दे पर संसद में हंगामा
By Deshwani | Publish Date: 10/2/2020 2:52:30 PMनई दिल्ली। संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा है कि सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर कुछ नहीं कर सकती क्योंकि न्यायालय ने कहा है कि रोजगार और पदोन्नति में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है। विपक्षी सदस्यों के प्रश्नों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री जोशी ने लोकसभा में बताया कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री बाद में सदन में बयान देंगे।
हालांकि विपक्ष ने इस मुद्दे पर उत्तराखंड सरकार की भूमिका का सवाल उठाया और सरकार द्वारा किये जाने वाले सुधारात्मक उपायों की मांग की। लोकसभा भोजनावकाश के लिए दो बजे तक स्थगित की गई। इससे पहले, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा है कि सरकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय के हाल के फैसले पर आज दोपहर दो बजे राज्यसभा में अपना बयान देगी। उन्होंने कहा कि सरकार उच्चतम न्यायालय के फैसले का गंभीरता से अध्ययन कर रही है।
आज सवेरे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने यह मुद्दा उठाया। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के पदोन्नति में आरक्षण को समाप्त करने का प्रयास कर रही है। सभापति एक वेंकैया नायडू ने कहा कि सदन में उच्चतम न्यायालय के फैसले पर टिप्पणी और चर्चा की अनुमति नहीं दी जा सकती है। उच्चतम न्यायालय ने अपने हाल के फैसले में कहा है कि किसी का भी यह मौलिक अधिकार नहीं है कि वह पदोन्नति मे आरक्षण का दावा कर सके और न्यायालय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार को आदेश नहीं दे सकता।