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नागरिकता संशोधन अधिनियम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बताया ऐतिहासिक कानून
By Deshwani | Publish Date: 31/1/2020 8:47:03 PM
नागरिकता संशोधन अधिनियम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बताया ऐतिहासिक कानून

नई दिल्ली संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। संसद के केन्द्रीय कक्ष में दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नागरिकता संशोधन अधिनियम को ऐतिहासिक कानून बताया। उन्होंने कहा कि विभाजन के बाद महात्मा गांधी ने कहा था कि जो हिंदू और सिख पाकिस्तान में नहीं रहना चाहते वे भारत आ सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे लोगों को सामान्य जीवन उपलब्ध कराना भारत सरकार का कर्तव्य है। राष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी मुद्दे पर परस्पर बहस और चर्चा से ही लोकतंत्र मजबूत होता है जबकि विरोध के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा उसे कमजोर करती है। 

 
 
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की जनता ने केन्द्र की मौजूदा सरकार को नये भारत का निर्माण करने का जनादेश दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के मंत्र का पालन कर रही है। राष्ट्रपति ने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से कहा कि उन्हें हमेशा याद रखना चाहिए कि वे सबसे पहले, देश के नागरिक हैं और उसके बाद किसी विशेष विचारधारा के नेता या समर्थक। उन्होंने कहा कि देश की प्रतिष्ठा पार्टी की निष्ठा से ज्यादा महत्वपूर्ण है। श्री कोविंद ने प्रत्येक नागरिक से राष्ट्रीय हित में जागरूकता और समर्पण के साथ अपने कर्तव्य निभाने की अपील की। उन्होंने कहा कि सबको साथ मिलकर 2020 के दशक को कर्तव्य निभाने का दशक बनाना चाहिए। जम्मू-कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को निष्प्रभावी करने का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के क्षेत्रों और लोगों के समान विकास का रास्ता साफ हो गया है और उन्हें देश के अन्य हिस्सों के बराबर अधिकार मिल गये हैं। राष्ट्रपति ने राम जन्मभूमि पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद परिपक्व व्यवहार करने पर भी देशवासियों की सराहना की।
 
 
राष्ट्रपति ने कहा कि संसद ने नई सरकार के पहले सात महीनों में कई ऐतिहासिक कानून बनाकर रिकार्ड बनाया है। इनमें तुरन्त तीन तलाक विरोधी कानून भी शामिल है। उन्होंने कहा कि संविधान को संसद और प्रत्येक सांसद से देशवासियों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने और राष्ट्रीय हित के मद्देनजर आवश्यक कानून बनाने की उम्मीद है। श्री कोविंद ने पिछले पांच वर्ष में किए गए सरकार के अनेक कार्यों का उल्लेख किया जिनसे अंतरराष्ट्रीय सूचकांकों में भारत की रैंकिंग बढ़ाने में मदद मिली है। पर्यटन सूचकांक में भारत 52 से 34वें स्थान पर पहुंच गया। विश्वबैंक के कारोबार करना सुगम बनाने के सूचकांक में देश ने लंबी छलांग लगाई और 79 से 63वें स्थान पर पहुंच गया। राष्ट्रपति ने कहा कि आठ करोड़ लोगों को नि:शुल्क गैस कनेक्शन और दो करोड़ लोगों को नि:शुल्क आवास दिये गये। बैंक खातों से 38 करोड़ लोगों को मदद पहुंचाई गई। सरकार ने देश में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए कई कदम उठाये हैं।
 
 
किसानों के योगदान की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उनके जीवन में बदलाव लाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार आगामी वर्षों के लिए 25 लाख करोड़ रूपये खर्च करेगी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत आठ करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खाते मे 43 हजार करोड़ रूपये से अधिक जमा कराये गये हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार प्रत्येक नागरिक के स्वास्थ्य के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में आयुष्मान भारत योजना का प्रभाव नजर आ रहा है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत अब तक 75 लाख गरीबों को नि:शुल्क उपचार उपलब्ध कराया गया है। महिला सुरक्षा के मद्दे पर राष्ट्रपति ने घोषणा की कि महिला अपराधों के तेजी से निपटारे के लिए एक हजार से अधि क फास्ट ट्रैक विशेष अदालतें बनाई जायेंगी। 
 
 
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार देश को आतंकवाद की बुराई से मुक्त करने के लिए पूरी ताकत और प्रतिबद्धता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में कमी से पता चलता है कि जनता के सहयोग से आतंकवाद का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आतंकियों से निपटने के लिए कड़े से कड़े कदम उठाने के लिए सुरक्षाबलों को खुली छूट दी है। सरकार के ठोस प्रयासों के कारण पूर्वोत्तर की सुरक्षा स्थिति में भी महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस, डीएमके, आरजेडी, वामदलों के सदस्यों और अन्य ने हाथ पर काली पट्टी बांध रखी थी।
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