प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करने और उसके प्रसार के लिए तर्कसंगत प्रयास की जरूरत: नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि न्यू इंडिया को तकनीकी समाधानों का आविष्कार और उनका प्रसार करने के लिए प्रौद्योगिकी और एक तार्किक विचार की आवश्यकता है। बेंगलुरु में 107 वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि भारत की विकास गाथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में इसकी सफलता पर निर्भर करती है।
प्रधानमंत्री ने छात्रों से नवाचार, पेटेंट, उत्पादन और समृद्धि का आह्वान किया। श्री मोदी ने कहा कि देश में वैज्ञानिक अब एक सफल अंतरिक्ष कार्यक्रम के बाद, समुद्र की गहराई में खोज पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें जल्द से जल्द सभी प्रकार के कचरे को धन में बदलने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि भारत 2022 तक देश कच्चे तेल के अपने आयात में 10 प्रतिशत की कटौती करेगा।
श्री मोदी ने कहा कि ऐसे स्टार्ट-अप के लिए अपार अवसर हैं जो जैव-ईंधन और इथेनॉल उत्पादन के क्षेत्र में काम करना चाहते हैं। श्री मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी ही जल जीवन मिशन की ताकत है और यह वैज्ञानिकों की जिम्मेदारी है कि वे पानी की रीसाइक्लिंग के लिए सस्ती और प्रभावी तकनीक विकसित करें। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों के लिए जल क्षेत्र एक नया मोर्चा है।
उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक, ई-कॉमर्स, इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग सेवाएं ग्रामीण आबादी की महत्वपूर्ण मदद कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने नवोन्मेषी सूची में भारत की रैंकिंग में सुधार करने में मदद के लिए वैज्ञानिकों को भी बधाई दी।