नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (61) को सोमवार को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) होंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कई मंत्रियों और सेना के अफसरों ने उन्हें सीडीएस बनने की बधाई दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 15 अगस्त कोइस पद का ऐलान किया था। सीडीएस के लिएजनरल रावत का नामसबसे आगे चल रहा था। सीडीएस के लिए अधिकतम आयु सीमा 65 साल है। हालांकि, कार्यकाल कितने वर्ष का होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं किया गया है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह-कृष्ण पाल गुर्जर ने दी बधाई
जनरल बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को हुआ था, अभी वे 61 साल के हैं।2023 में 65 साल के होंगे। इस लिहाज से उनके पास सीडीएस पद पर रहने के लिए कम से कम 3साल का समय है। रावत दिसंबर 1978 में कमीशन ऑफिसर (11 गोरखा राइफल्स) बने। वह 31 दिसंबर 2016 से थलसेना प्रमुख हैं। उन्हें पूर्वी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा, कश्मीर घाटी और पूर्वोत्तर में कामकाज का अनुभव रहा।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने जनरल रावत को नियुक्ति पर बधाई दी। इसके अलावा भाजपा के प्रवक्ता बैजयंत जय पांडा ने भी उन्हें शुभकामनाएं दीं। इसके अलावा लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने भी उन्हें नियुक्ति पर मुबारकबाद दी।
48 साल पहले इंदिरासैम मानेकशॉ को सीडीएस बनाना चाहती थीं, तबमतभेद उभरे थे
थलसेना में केएम करियप्पा और सैम मानेकशॉ को फील्ड मार्शल की रैंक दी गई थी। कहा जाता है कि 1971 के युद्ध के बाद तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी मानेकशॉ को फील्ड मार्शल की रैंक देकर सीडीएस बनाना चाहती थी। तब वायुसेना-नौसेना प्रमुखों के मतभेद उभरे थे। उनका तर्क था कि इससे वायुसेना और नौसेना का कद घट जाएगा। हालांकि, मानेकशॉ को फील्ड मार्शल रैंक देने पर सहमति बनी। सैम जून 1972 में रिटायर होने वाले थे। रैंक देने के लिए उनका कार्यकाल 6 महीने बढ़ाया गया। जनवरी 1973 में उन्हें यह रैंक दी गई।
सीडीएस से जुड़े अहम सवाल
चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ सैन्य मामलों के विभाग की अगुवाई करेंगे।
कौन होंगे इस विभाग के तहत
थल सेना, नौसेना और वायु सेना के अलावा प्रादेशिक सेना भी इस विभाग के अंतर्गत होगी।
क्या करेगा डिपोर्टमेंट आफ मिलिट्री अफेयर्स (डीएमए)
सेनाओं की खरीद, प्रशिक्षण और स्टॉफ की नियुक्ति की प्रक्रिया में तालमेल करना
सैन्य कमानों के पुनर्गठन और थिएटर कमानों के गठन का काम
सेनाओं के लिए देश में ही हथियारों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना
चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ ही तीनों सेनाओं के प्रमुखों की कमेटी के स्थायी अध्यक्ष होंगे।
वह रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार होंगे। तीनों सेनाओं के प्रमुख अपने-अपने मामलों में रक्षा मंत्री को सलाह देना जारी रखेंगे। हालांकि, चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ तीनों सेनाओं के आपरेशनल मामले नहीं देखेंगे।
सीडीएस की संयुक्त भूमिका:
तीनों सैन्य सेवाओं के लिए प्रशासनिक कार्य देखना।
तीनों सेवाओं से जुड़ी एजेंसियों, संगठनों तथा साइबर और स्पेस कमान का संचालन करना।
रक्षा खरीद और रक्षा प्लानिंग की बैठकों में सदस्य के तौर पर हिस्सेदारी।
सीडीएस का तीन साल का रोडमैप
लॉजिस्टिक्स, ट्रांसपोर्ट, ट्रेनिंग, प्रशिक्षण, सहायक सेवाओं, संचार, मरम्मत एवं रखरखाव में ज्वाइंटनेस का कार्य देखना।
सैन्य ढांचे का भरपूर उपयोग सुनिश्चित करना।
पंचवर्षीय खरीद योजना बनाना।
दो साल का रोल ऑन प्लान बनाना।