प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से हिंसा बंद करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान ना पहुंचाने की अपील की
नई दिल्ली। सरकार ने स्पष्ट किया है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम से किसी भी धर्म या क्षेत्र के भारतीय नागरिक पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। सरकार ने इस अधिनियम को लेकर किए जा रहे दुष्प्रचार से गुमराह नहीं होने की अपील की है। यह अधिनियम 2014 तक भारत में आकर बस गए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंगलादेश के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के बारे में है। यह किसी की नागरिकता वापस नहीं लेता।
केन्द्र ने स्पष्ट किया है कि पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर लागू करने की अभी घोषणा नहीं की गई है, जब इसकी घोषणा की जाएगी तो नियम और दिशा निर्देश इस तरह बनाए जाएंगे कि किसी भी भारतीय नागरिक को कोई परेशानी न हो।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल नई दिल्ली के रामलीला मैदान में भारतीय जनता पार्टी की विशाल धन्यवाद रैली को संबोधित करते हुए लोगों से हिंसा बंद करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुंचाने की अपील की। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का किसी धर्म विशेष से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने अपने विरोधियों को सरकार के विकास कार्यक्रमों में किसी के भी साथ कोई भेदभाव या पक्षपात बताने की चुनौती दी।
प्रधानमंत्री ने डिटेंशन कैंप जैसी किसी चीज के अस्तित्व को पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने विपक्ष पर इस प्रकार की अफवाहें फैलाकर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया। प्रधानमंत्री ने युवाओं से देश को बांटने वाले ऐसे दुष्प्रचारों में न फंसने की अपील की।
श्री मोदी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम पर विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस पर हमले की निंदा की। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा या संकट की स्थिति में मदद के लिए पुलिस किसी से उसका धर्म नहीं पूछती। प्रधानमंत्री ने गंदे पानी की आपूर्ति, परिवहन और प्रदूषण को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार पर भी सवाल उठाए।