गृहमंत्री अमित शाह ने आशा व्यक्त की है कि 2024 तक भारत 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा और विश्व की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा।
कल मुम्बई में इकोनॉमिक टाइम्स कॉर्पोरेट उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2014 से पहले की नीतिगत शिथिलता, घोटालों और भ्रष्टाचार के दौर से निकलकर नरेन्द्र मोदी सरकार के तहत साहसिक, पारदर्शी और ठोस निर्णय लेने वाली अर्थव्यवस्था बन चुकी है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्ष अर्थव्यवस्था को सुधारने के वर्ष रहे हैं और अगले पांच वर्षों में भारत को विश्व की सर्वाधिक सशक्त अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करने के लिये कई सुधार किये जाएंगे।
गृहमंत्री ने कहा कि आर्थिक वृद्धि की मौजूदा धीमी दर एक अस्थायी दौर है। उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद में 60 प्रतिशत का योगदान देने वाला भारतीय उद्योग जगत 2024 तक देश को पचास खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का नरेन्द्र मोदी सरकार का लक्ष्य पूरा करेगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आर्थिक वृद्धि की धीमी दर के बावजूद भारतीय उद्योग और बाज़ार इस अस्थायी संकट से उबर जाएंगे।
गृहमंत्री ने उद्योग जगत को भरोसा दिलाया कि सरकार मज़बूती से उनके साथ खड़ी है और समस्त चुनौतियों का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत अपने विशाल बाज़ार के कारण वैश्विक कंपनियों के लिये पसंदीदा लक्ष्य है और मौजूदा समय में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश रिकॉर्ड स्तर पर है।
गृहमंत्री ने कहा कि 2014 में भारत विश्व की मज़बूत अर्थव्यवस्थाओं में 11वें स्थान पर था लेकिन पिछले पांच वर्ष में यह सातवें स्थान पर आ गया है। और 2024 तक शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा। श्री अमित शाह ने कहा कि सरकार उद्योग और व्यापार की मज़बूती के लिये प्रतिबद्ध है। इस उद्देश्य से कई श्रम सुधार लागू किये जा रहे हैं। विश्व बैंक की कारोबार में आसानी रैंकिंग का उल्लेख करते हुए श्री शाह ने कहा कि 2024 तक भारत इस दृष्टि से विश्व के 30 प्रमुख देशों में शामिल होगा।
गृहमंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी में शामिल नहीं होने का फैसला उद्योग जगत के हित में लिया गया है। चीन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के साथ भारत का पहले ही मुक्त व्यापार समझौता है।