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महाराष्ट्र: फ्लोर टेस्ट से पहले देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार का इस्तीफा, गिर गई बीजेपी सरकार
By Deshwani | Publish Date: 26/11/2019 5:01:41 PMमुंबई। महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अजित पवार के इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी आज इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। फडणवीस ने आज दोपहर बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की कि वह राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपेंगे। फडणवीस ने कहा कि सुबह अजित पवार उनसे मिले थे और उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपा था। उन्होंने कहा कि उप-मुख्यमंत्री पद से अजित पवार के इस्तीफे के बाद हमारे पास बहुमत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें महसूस हुआ कि हमारे पास संख्या बल नहीं है और हम खरीद-फरोख्त में शामिल नहीं होना चाहते इसलिए यह फैसला किया।
फडणवीस ने कहा जनता ने हमारे गठबंधन को बहुमत दिया था और भाजपा को संपूर्ण जनादेश दिया और सबसे बड़े दल के नाते 105 सीटें मिलीं। यह जनादेश भाजपा के लिए था। हमने 70% सीटें जीतीं। शिवसेना सिर्फ अपनी 40% सीटें जीतीं। गठबंधन को जनादेश था ही, लेकिन भाजपा के लिए यह बड़ा जनादेश था। इसका सम्मान करते हुए हमने सरकार बनाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि शिवसेना ने पहले सौदेबाजी करनी शुरू की। हमने शिवसेना का इंतजार किया लेकिन वो अड़ी रही। शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस के साथ बातचीत शुरू कर दी। शिवसेना ने इतने दिनों तक अपना ही मजाक बना लिया। महाराष्ट्र में गत शनिवार सुबह 8 बजे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने यहां राजभवन में फडणवीस और पवार को क्रमश: मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई थी।
राज्यपाल के फैसले के खिलाफ शिवसेना-राकंपा-कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसके बाद आज मंगलवार को न्यायालय ने फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को बुधवार पांच बजे तक शक्ति प्रदर्शन करने का निर्देश दिया था। इस बीच, शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि उद्धव ठाकरे की पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन के पास महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 162 विधायकों का समर्थन है और ऐसे में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पद से इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि शक्ति परीक्षण के दौरान शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के महाविकास आघाडी के पास 170 विधायकों का समर्थन होगा।
उल्लेखनीय है कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने पिछले महीने हुए राज्य विधानसभा चुनाव में क्रमश: 105 और 56 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत हासिल किया था। हालांकि, शिवसेना की मुख्यमंत्री पद साझा करने की मांग भाजपा द्वारा ठुकराए जाने के बाद यह गठबंधन टूट गया। राकांपा और कांग्रेस ने 21 अक्टूबर को हुए चुनाव में क्रमश: 54 और 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी।