मुंबई। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि भाजपा विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर सकेगी। शिवसेना-राकांपा व कांग्रेस एक साथ हैं और वही सूबे में स्थिर सरकार बनाएंगे। इस अवसर पर शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे भी उपस्थित थे।
शरद पवार ने यशवंतराव प्रतिष्ठान सभागार में शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। पवार ने दावा किया कि उनके पास राकांपा, कांग्रेस, शिवसेना और अन्य को मिलाकर कुल 160 विधायकों समर्थन है। राज्य में स्थिर सरकार बनाने का प्रयास चल रहा है। उन्होंने बताया कि सुबह साढ़े सात बजे मुझे मेरे एक सहयोगी ने फोन पर बताया कि उन्हें राजभवन लाया गया है। इसके बाद पता चला कि फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। उन्होंने बताया इसके बाद राजभवन में उपस्थित पांच विधायक तत्काल मुझसे मिले, जो यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी उपस्थित हैं।
शरद पवार ने कहा कि अजीत पवार ने यह सब खुद किया है और राकांपा का उन्हें समर्थन नहीं है। राकांपा विधायक दल की बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा। अजीत पवार ने शायद राकांपा विधायकों की मीटिंग में उपस्थित रहने के हस्ताक्षर से युक्त पत्र सौंपा है। शायद इसी को समर्थन मानते हुए राज्यपाल ने शपथ दिलाई है। इस तरह राज्यपाल को धोखे में रखा गया है। वर्ष 1980 में इसी प्रकार उनके कुछ समर्थकों ने उनका साथ छोड़ा था, जो बाद में चुनाव नहीं जीत सके थे। जो राकांपा विधायक धोखे से गए और वापस आ जाएंगे, उन पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी। जो जानबूझकर गए हैं, उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन पर जनादेश का अपमान करने का आरोप लगाया जा रहा है। जबकि रात में मंत्रिमंडल की बैठक कर राष्ट्रपति शासन हटाने का निर्णय लिया गया। सब कुछ रात के अंधेरे में किया गया, जबकि शिवसेना जो करती है वह खुलेआम करती है। भाजपा इस तरह का प्रयास बिहार सहित अन्य कई राज्यों में कर चुकी है। उद्धव ने कहा कि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस एकसाथ हैं। राज्य में शिवसेना-राकांपा व कांग्रेस की सरकार बनेगी।