तो क्या भाजपा को समर्थन देंगे राकांपा प्रमुख शरद पवार ? प्रधानमंत्री मोदी के साथ आज होगी मुलाकात
नई दिल्ली। क्या होगा महाराष्ट्र का? कौन बनाएगा महाराष्ट्र में सरकार? उद्धव ठाकरे मारेंगे बाजी या देवेंद्र फडनवीस करेंगे वापसी? 30 साल पुराना गठबंधन टूट गया है, क्या 15 साल पहले का भी गठबंधन टूटेगा? सत्ता की चाबी किसके लिए राजसत्ता का सिंहासन खोलेगी? शरद पवार क्या एनडीए का हिस्सा बनेंगे या फिर कांग्रेस के साथ शिवसेना को देंगे समर्थन? महाराष्ट्र में सत्ता के शतरंज की बिसात पर आखिर कौन करेगा शह और किसके हिस्से आएगी मात? विधानसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को बहुमत हासिल होने के बाद भी अजीब मोड़ पर आ खड़ी हुई है महाराष्ट्र की सियासत।
इन सभी घटनाक्रमों के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात करने वाले हैं। यह मुलाकात संसद भवन में दोपहर 12:30 में होने वाली है। इस मुलाकात के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे है। यहां एक बात दीगर है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने दो दिन पहले राज्यसभा के 250वें सत्र को संबोधित करते हुए एनसीपी की राजनीति करने के तरीके की दिल खोलकर तारीफ की थी। हालांकि उन्होंने बीजेडी की भी प्रशंसा की थी, लेकिन महाराष्ट्र की सियासत जिस मोड़ पर खड़ी है, तब पीएम मोदी द्वारा एनसीपी की तारीफ करना एक नया संकेत दे रहा है।
यह भी एक इत्तेफाक है कि पीएम मोदी से मिली तारीफ के दो दिन बाद ही शरद पवार आज बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। हालांकि बताया जा रहा है कि यह मुलाकात किसानों के मुद्दे पर होगी, लेकिन सियासत के जानकार इस मुलाकात के खास मायने बता रहे हैं। आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में क्या गुल खिलेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
वहीं, ऐसी भी खबरें थी कि भाजपा लगातार एनसीपी प्रमुख शरद पवार से संपर्क साधे हुए है। सूत्रों से पता चला कि भाजपा ने शरद पवार के लिए राष्ट्रपति पद की पेशकश भी की है। हालांकि एनसीपी ने भाजपा के साथ किसी भी तरह के राजनीतिक मोलभाव की खबरों को सिरे से नकार दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी और शरद पवार के बीच करीबी बढ़ते देख शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत को आज स्वर्गीय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद आ गई। राउत ने अटलजी की कविता को ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि आहुति बाकी, यज्ञ अधूरा, अपनों के विघ्नों ने घेरा, अंतिम जय का वज्र बनाने, नव दधीचि हड्डियां गलाएं।आओ फिर से दिया जलाएं। तो क्या यह माना जाए कि शरद पवार दोनों पार्टियों के साथ संपर्क में हैं।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में कुल 288 सीटों में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56 सीटें हासिल हुई थी. चुनाव पूर्व गठबंधन होने से दोनों दलों को मिलाकर पूर्ण बहुमत मिल गया था, लेकिन शिवसेना की ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री की मांग से बात बिगड़ गई और शिवसेना एनडीए से अलग हो चुकी है. दूसरी ओर, कांग्रेस और एनसीपी ने क्रमश: 44 और 54 सीटें जीती थीं. 19 दिन तक सरकार नहीं बनी तो राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने पिछले हफ्ते मंगलवार को राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी थी, जो उसी दिन लागू भी हो गया था।