भारत आसियान के साथ कृषि, इंजीनियरिंग क्षेत्र में सहयोग को देंगे बढ़ावा: पीएम मोदी
बैंकाक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन दिवसीय थाईलैंड दौरे के दूसरे दिन रविवार को आसियान शिखर सम्मेलन को संबोधित किया और कहा कि मजबूत और समृद्ध आसियान भारत के हित में है। मोदी ने कहा कि उनकी इच्छा अध्ययन, अनुसंधान, व्यापार और पर्यटन के लिए लोगों के आवागमन को बढ़ाने का है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भारत आसियान के साथ आपसी हितों के क्षेत्र में साझेदारी बढ़ाने के लिए तैयार है।
मोदी ने कहा कि वह मजबूत सड़क, समुद्री, हवाई और डिजिटल जुड़ाव के साथ आसियान के साथ अपनी साझेदारी बढ़ाने को प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि वह भारत- प्रशांत के बीच परस्पर समन्वय का स्वागत करते हैं। प्रधानमंत्री ने भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का उल्लेख किया और कहा कि यह भारत-प्रशांत दृष्टिकोण का हिस्सा है।
प्रधानमंत्री ने हालांकि संक्षिप्त भाषण दिया, लेकिन अपना दृष्टिकोण साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि ‘फिजिकल और डिजिटल कनेक्टिविटी’के लिए दस लाख डॉलर की भारतीय लाइन ऑफ क्रेडिट उपयोगी होगी।
मोदी ने यह भी कहा कि उनकी इच्छा अध्ययन, अनुसंधान, व्यापार और पर्यटन के लिए लोगों के आवागमन को बढ़ाने का है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भारत आसियान के साथ आपसी हितों के क्षेत्र में साझेदारी बढ़ाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि कृषि, विज्ञान, रिसर्च, आईसीटी और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में भी भारत क्षमता निर्माणऔर साझेदारी और बढ़ाने के लिए तैयार है।
मोदी ने कहा कि ‘’ मैं हाल ही में प्रशांत-भारत व्यापारिक समझौता की समीक्षा के निर्णय का स्वागत करता हूं। इससे हमारे आर्थिक संबंध न सिर्फ और मजबूत बनेंगे, बल्कि हमारा व्यापार भी और बैलेंस होगा. उन्होंने कहा कि मैरीटा इम सुरक्षा, ब्लू इकोनॉमी और मानवीय सहायता के क्षेत्र में भी हम अपनी साझेदारी को और मजबूत बनाना चाहते हैं।‘’ इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कृषि और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों अनुसंधान कार्यक्रमों में भी साझेदारी की इच्छा जाहिर की।
गौरतलब है कि आसियान को वैश्विक स्तर पर व्यापार व निवेश का प्रभावशाली समूह माना जाता है। दस देशों का यह समूह एशियाई क्षेत्र के प्रभावशाली समूह में से है। पीएम ने भारत व आसियान के बीच हिंद प्रशांत क्षेत्र में विचारों के मेल का भी स्वागत किया। भारत को मिलाकर आसियान क्षेत्र की आबादी 1.85 अरब की है, जो वैश्विक आबादी का एक चौथाई है। इनका सामूहिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अनुमानित 3800 अरब डॉलर से ज्यादा है। बीते 17 सालों में भारत को आसियान से करीब 70 अरब डॉलर का निवेश मिला है, जो देश में आए कुल एफडीआई का 17 फीसदी है।
भारत और थाईलैंड के बीच बढ़ेगा रक्षा सहयोग
भारत और थाईलैंड रक्षा उद्योग क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने व द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने की संभावनाएं तलाशने पर सहमत हुए। आसियान शिखर सम्मेलन से इतर रविवार को पीएम मोदी ने थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओचा से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने भारत व थाईलैंड के संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की।
विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया, दोनों नेताओं ने बढ़ रहे हवाई संपर्क और कोलकाता, चेन्नई व विशाखापत्तनम में बंदरगाहों के बीच सहयोग के लिए समझौतों को अंतिम रूप देने का भी स्वागत किया। भारत और थाईलैंड ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध रखने वाले करीबी समुद्री पड़ोसी हैं। भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति को थाईलैंड की ‘लुक वेस्ट’ नीति परिपूर्ण करती है। जिसने रिश्तों को गहरा, मजबूत और बहुआयामी बनाया है।