Whatsapp जासूसी को लेकर प्रियंका गांधी का सरकार पर हमला, कहा- राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कई भारतीय पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की कथित जासूसी के मामले को लेकर आज केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर ऐसा किया गया है तो इसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। यह मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है। सरकार को इस पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
प्रियंका ने ट्वीट कर कहा कि यदि भाजपा या सरकार ने पत्रकारों, वकीलों, कार्यकर्ताओं और राजनेताओं के फोन में जासूसी के लिए इजरायली एजेंसियों को लगाया है, तो यह मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन और राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर आघात है। इस पर सभी को सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार है।
प्रियंका ने यह भी कहा कि सरकार की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा है। दरअसल, फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी वॉट्सऐप ने कहा है कि इजराइल के स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के जरिये कुछ अज्ञात इकाइयों की वैश्विक स्तर पर जासूसी की गई। भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं। इस विवाद पर गृह मंत्रालय ने कहा है कि सरकार नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है और नागरिकों की निजता के उल्लंघन की खबरें भारत की छवि को धूमिल करने की कोशिश है।
व्हाट्सएप ने क्या कहा हैं?
व्हाट्सएप ने बताया है कि इसी साल मई में इजरायली स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल करके भारत के कई पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की गई थी। यह खुलासा सैन फ्रांसिस्को में एक अमेरिकी संघीय अदालत में हुआ है, जहां एक केस की सुनवाई चल रही थी। बड़ी बात यह है कि मई में भारत में लोकसभा चुनाव हो रहे थे।
व्हाट्सएप ने आरोप लगाते हुए कहा कि अत्यधिक सोफिस्टिकेटेड मेलवेयर का इस्तेमाल करके सिविल सोसाइटी के वरिष्ठ सदस्यों के साथ 1400 व्हाट्सएप यूजर्स को टारगेट किया गया है। व्हाट्सएप ने यह भी बताया है कि मई में हमने अपने सिस्टम के वीडियो कॉलिंग पर हुए बेहद गंभीर सोफिस्टिकेटेड मैलवेयर हमले को रोका था। हमले का मकसद कई व्हाट्सएप यूजर्स के मोबाइल उपकरणों पर मिस्ड कॉल के माध्यम से मेलवेयर भेजना था। व्हाट्सएप प्रमुख विल कैथार्थ ने कहा है, ‘’इसने (इजरायली स्पाईवेयर) पूरी दुनिया में कम से कम 100 मानवाधिकार रक्षक, पत्रकार और सिविल सोसाइटी के अन्य सम्मानित सदस्यों को निशाना बनाया था।"