कश्मीर दौरे पर बोले EU सांसद- शांति और विकास चाहते हैं कश्मीरी, आंतकवाद के खिलाफ हम साथ
जम्मू। जम्मू-कश्मीर के दौरे पर गए यूरोपीय यूनियन के सांसदों ने बड़ा बयान दिया है। यूरोपीय सांसदों के दल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि भारत एक शांतिप्रिय देश है और कश्मीर के लोगों को काफी उम्मीदें हैं। जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आए विदेशी सांसदों ने आतंकवाद के मसले पर भारत के प्रति अपना समर्थन जाहिर किया। उन्होंने एक सुर में कहा कि आंतकवाद वैश्विक समस्या है।
सांसदों ने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर को दूसरा अफगानिस्तान बनते नहीं देखना चाहते। यहां के लोग शांति और विकास चाहते हैं। सांसदों ने कहा कि ये एक सामान्य दौरा था। हमने यहां आकर तथ्यों की पड़ताल की है। हमारा मकसद कश्मीर की जनता से मिलना था। इस दौरे को गलत प्रचारित किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारे दौरे को राजनीतिक नज़र से देखा गया, जो बिल्कुल ठीक नहीं है।
अनुच्छेद 370 को इन सांसदों ने भारत का आंतरिक मसला बताया और कहा कि भारत-पाकिस्तान को आपस में बात करनी चाहिए। यूरोपीय संसद के सदस्य थेरी मरियानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं करीब 20 बार भारत आ चुका हूं। इससे पहले दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में गया था। हमारा लक्ष्य जम्मू-कश्मीर को लेकर जानकारी हासिल करना था। कश्मीर में स्थितियां अब लगभग सुलझने को हैं।
ईयू सांसदों ने कहा कि हम तथ्यों की पड़ताल करने के लिए अलग-अलग देश में जाते हैं। ये दौरा भारतीय सरकार की तरफ से आयोजित किया गया था। इस दौरे पर हमने बेहतर तरीके से वहां के हालातों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि कल रात यहां आतंकी हमले में पांच मासूम लोगों की हत्या कर दी गई। हम इसकी निंदा करते हैं और साथ ही कहा कि हमारे देश में भी आतंकवाद की समस्या है।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद सिर्फ भारत की समस्या नहीं है, बल्कि पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की समस्या है। उन्होंने कहा हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का समर्थन करते हैं। आतंकवाद का मसला यूरोप के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है। जब उनसे सवाल पूछा गया कि क्या वह इस दौरे की रिपोर्ट यूरोपीय संसद में जमा करेंगे, तो उन्होंने कहा कि वह ऐसा नहीं करेंगे।
गौरतलब है कि यूरोपीय संसद के 23 सदस्य मंगलवार को दो दिवसीय जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंचे थे। यहां पर इन सांसदों ने स्थानीय नेताओं, अधिकारियों, सरपंचों से मुलाकात की थी। इसके अलावा सभी सांसद श्रीनगर की मशहूर डल झील भी गए थे। कश्मीर घाटी के हालात पर इन सांसदों को भारतीय सेना ने प्रेजेंटेशन भी दी थी।
इससे पहले इन सांसदों ने नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, एनएसए अजित डोभाल के साथ मुलाकात की थी। इस मुलाकात में भी जम्मू-कश्मीर के हालात पर विस्तार से चर्चा हुई थी। विदेशी सांसदों के कश्मीर दौरे को लेकर विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं।