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शिवसेना ने आर्थिक मंदी को लेकर सरकार पर कसा तंज- ‘इतना सन्नाटा क्यों है भाई?'
By Deshwani | Publish Date: 28/10/2019 2:51:06 PM
शिवसेना ने आर्थिक मंदी को लेकर सरकार पर कसा तंज- ‘इतना सन्नाटा क्यों है भाई?'

मुंबई। महाराष्‍ट्र में सरकार कौन बनाएगा इसको लेकर सबकी निगाह दो पार्टियों पर टिकी हुई है। भाजपा और शिवसेना दोनों ही पार्टियों ने हालांकि गंठबंधन धर्म का पालन करते हुए चुनावी मैदान में ताल ठोका था लेकिन इसमें शिवसेना किंगमेकर बनकर सामने आयी और उसके तेवर सख्‍त हैं। इधर, ‘शोले' फिल्म में रहीम चाचा के डायलॉग ‘.....इतना सन्नाटा क्यों है भाई?' का इस्तेमाल करते हुए शिवसेना ने देश में आर्थिक सुस्ती को लेकर आज केंद्र सरकार पर निशाना साधा। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना' के संपादकीय में लिखा है, ‘‘.....इतना सन्नाटा क्यों है भाई?' 
 
शोले फिल्म में यह डायलॉग रहीम चाचा (एके हंगल) का है जब गब्बर सिंह (अमजद खान) बाहर नौकरी की तलाश के लिए जा रहे उनके बेटे की हत्या कर उसकी लाश एक घोड़े पर रखकर गांव भेजता है। उस दौरान सभी गांव वाले एकदम चुप-चाप हैं और दृष्टिबाधित खान सबसे सवाल करते हैँ...इतना सन्नाटा क्यों है भाई?
 
शिवसेना ने इस डायलॉग के माध्यम से देश में आर्थिक सुस्ती और त्योहारी मौके पर बाजारों से गायब रौनक के लिए सरकार के नोटबंदी और गलत तरीके से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने को जिम्मेदार बताया है। उसने सामना में लिखा है, सुस्ती के डर से बाजारों की रौनक चली गयी है और बिक्री 30 से 40 फीसदी की कमी आई है। उद्योगों की हालत खराब है और विनिर्माण इकाइयां बंद हो रही है, इससे लोगों की नौकरियां जा रही है। मराठी सामना ने लिखा है कि कई बैँकों की हालत खराब है, वे वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं और लोगों के पास खर्च करने को पैसा नहीं है।
 
सामना ने लिखा है, दुसरी और सरकार भी भारतीय रिजर्व बैंक से धन निकालने को मजबूर हुई है। दीवाली पर बाजारों में सन्नाटा पसरा है, लेकिन विदेशी कंपनियां ऑनलाइन शॉपिंग साइटों के माध्यम से देश के पैसे से अपनी खजाने भर रही है। संपादकीय में लिखा है, बेवक्त बारिश के कारण किसानों की तैयार फसल खराब हो गई जिससे उनकी माली हालत खराब है। लेकिन बदकिस्मती है कि कोई भी किसानों को इससे बाहर निकालने की नहीं सोच रहा है। संपादकीय में दावा किया गया है कि दिवाली से ऐन पहले हुए राज्य विधानसभा चुनावों में भी शोर कम और सन्नाटा ज्यादा था।
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