खंडेरी से नौसेना की बढ़ी ताकत, रक्षामंत्री बोले- क्षेत्र में शांति बाधित करने वाले लोगों के खिलाफ नौसेना करेगी कड़ी कार्रवाई
मुंबई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुंबई में आज स्कॉर्पियन क्लास की दूसरी पनडुब्बी आईएनएस खंडेरी को आज हरी झंडी दिखाकर नौसेना के बेड़े में शामिल कराया। इसके अलावा पी-17ए सीरीज का पहला युद्धपोत आईएनएस नीलगिरि को भी लॉन्च किया गया।
खंडेरी को नौसेना में शामिल करने के बाद राजनाथ सिंह ने कहा, यह बेहद गर्व की बात है कि भारत उन चुनिंदा देशों में है जो अपनी पनडुब्बियों का निर्माण खुद कर सकता है। हमारे क्षेत्र में जो भी शांति भंग करेगा भारतीय नौसेना उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी ताकते हैं जो भारत के तटीय क्षेत्र में मुंबई जैसे हमले दोबारा करना चाहती है, हम ऐसा होने नहीं देंगे।
उन्होंने कहा, अब 26/11 जैसी साजिश कामयाब नहीं होगी। पाकिस्तान को समझना चाहिए कि आज हमारी सरकार के मजबूत संकल्प से आईएनएस खंडेरी के शामिल होने के बाद नेवी की क्षमता बढ़ गई है। खंडेरी नाम 'स्वॉर्ड टूथ फिश' से प्रेरित है, जो समुद्र के तल के करीब पहुंचकर शिकार करने के लिए जानी जाने वाली एक घातक मछली है।
उल्लेखनीय है कि आईएनएस खंडेरी भारत की दूसरी स्कॉर्पियन-वर्ग की मारक पनडुब्बी है। इसे पी-17 शिवालिक वर्ग के युद्धपोत के साथ नौसेना में शामिल किया गया। आईएनएस खंडेरी के नौसेना में शामिल होने से भारत की नेवी की क्षमता में कई गुना इजाफा होगा। आईएनएस खंडेरी में 40 से 45 दिनों तक सफर करने की क्षमता है।
खंडेरी की ये हैं विशेषताएं
यह पनडुब्बी स्टेल्थ और एयर इंडिपेंडेंट प्रॉपल्शन समेत कई तरह की तकनीकों से लैस है जिससे इसका पता लगाना दुश्मनों के लिए आसान नहीं होगा। यह टॉरपीडो और ट्यूब लॉन्च्ड एंटी-शिप मिसाइल से हमला करने में सक्षम है। युद्ध की स्थिति में यह पनडुब्बी हर तरह की अड़चनों से सुरक्षित और बड़ी आसानी से दुश्मनों को चकमा देकर बाहर निकल सकती है।
इसकी सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि यह किसी भी रडार की पकड़ में नहीं आएंगी। इसके अलावा इससे जमीन पर भी आसानी से हमला किया जा सकता है। इस पनडुब्बी का इस्तेमाल हर तरह के वॉरफेयर, ऐंटी-सबमरीन वॉरफेयर और इंटेलिजेंस के काम में भी किया जा सकता है।