लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरने वाले पहले रक्षा मंत्री बने राजनाथ सिंह, जाने इसकी खासियत
बेंगलुरु। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज सुबह बेंगलुरु में स्वदेश निर्मित दो सीटों वाले लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि राजनाथ सिंह इस विमान में उड़ान भरने वाले पहले रक्षा मंत्री बन गए। करीब आधे घंटे तक उड़ान भरने के बाद उन्होंने कहा कि तेजस में उड़ान भरने का अनुभव अद्भुत और शानदार रहा। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि राजनाथ के तेजस में उड़ाने भरने से इन विमान को उड़ा रहे भारतीय वायुसेना के पायलटों का मनोबल भी बढ़ेगा। भारतीय वायु सेना ने तेजस विमान के पहले बैच को बेड़े में शामिल कर लिया है।
तेजस को देश के रक्षा क्षेत्र के अग्रणी सार्वजनिक उपक्रम हिन्दुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड और एरोनाटिकल डिवलपमेंट एजेन्सी ने बनाया है। इससे पहले पूर्व रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल लड़ाकू विमान सुखोई में उड़ान भर चुकी है। वायुसेना ने दिसंबर, 2017 में एचएएल को 50 हजार करोड़ रुपए की लागत से 83 तेजस विमान बनाने का प्रस्ताव भेजा था। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने गत 21 फरवरी को ही तेजस को युद्ध के लिए सक्षम लड़ाकू विमान का प्रमाण-पत्र दिया था। हिन्दुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड द्वारा बनाए इस विमान को तेजस नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने दिया था। तेजस का संस्कृत में अर्थ है- अत्यधिक ताकतवर ऊर्जा।
तेजस की खासियत
- 2000 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से यह आसमान में उड़ सकता है।
- यह 50 हजार फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर उड़ सकता है।
- तेजस में इतनी सक्षमता है कि यह 9,5000 किलो वजन के साथ उड़ान भर सकता है।
- यह डर्बी और अस्त्र मिसाइल से लैस हो सकता है।
- लेजर गाइडेड बम से हमला करने में सक्षम है।
- कम ऊंचाई पर उड़कर भी दुश्मन पर नजदीक से निशाना साधने में सक्षम।
- इसकी लंबाई 13.20 मीटर है। यह 5,680 किलोग्राम भारी है।
- इसकी सुपरसोनिक रफ्तार 1.8 मेक है।
- इसकी रेंज 3,000 किलोमीटर है।
- ये समुद्र के ऊपर, राजस्थान के रेगिस्तान में, कश्मीर और उत्तर-पूर्व के पर्वतीय इलाकों में भारत के सामने आने वाली हर चुनौती का माकूल जवाब देने की ताकत रखता है।
- तेजस पलक झपकते ही आसमान की बुलंदियों में पहुंच जाता है।