ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगातदेश की संस्कृति का प्रसार करने वाले सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर को प्रधामंत्री ने संर्जक पुरस्कार से सम्मानित किया'दंगल' फेम सुहानी भटनागर की प्रेयर मीट में पहुंचीं बबीता फोगाट
राष्ट्रीय
प्रधानमंत्री मोदी से गले मिलकर रोने लगे इसरो चीफ के. सिवन, की हौसलाअफजाई
By Deshwani | Publish Date: 7/9/2019 10:26:57 AM
प्रधानमंत्री मोदी से गले मिलकर रोने लगे इसरो चीफ के. सिवन, की हौसलाअफजाई

नई दिल्ली। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने से कुछ सेकंड पहले चंद्रयान-2 से संपर्क टूट गया। मिशन चंद्रयान-2 को लेकर अंतिम पलों में हुई चूक से पूरे देश में निराशा है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी भी इसरो मुख्यालय में मौजूद थे। इसके बाद आज सुबह एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाने बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय पहुंचे। प्रधानमंत्री ने इसरो चीफ के. सिवन की भावनाओं को समझते हुए उन्हें गले लगाया और उनकी हौसलाअफजाई की।
 
 
इसरो कंट्रोल रूम से देश को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी जब बाहर निकले तो उन्हें गाड़ी तक छोड़ने आए इसरो चीफ काफी गंभीर थे। मानों मिशन की असफलता के लिए वो खुद को जिम्मेदार मान रहे हों। इस बीच प्रधानमंत्री के गले लग सिवन फफक पड़े तो उन्हें शांत कराते, धैर्य बंधाते प्रधानमंत्री ने अभिभावक की तरह उन्हें सीने से चिपका लिया और पीठ पर एक के बाद एक कई थाप देते हुए भविष्य की योजनाओं पर काम करने का हौसला दिया।
 
प्रधानमंत्री मोदी और सिवन के बीच के इस भावुक क्षण को देखकर लग रहा था मानों मोदी गर्व से भरे लेकिन बंद होंठों और भींगी आंखों से कह रहे हों कि अगली बार हम चांद को जरूर पा लेंगे। जो मिशन आज हमारा अधूरा रह गया वो आने वाले दिनों में पूरा होगा। आप (इसरो चीफ) हमारी ताकत हैं, आपको रुकावटों से घबराने की जरूरत नहीं है।
 
मैंने भी उस पल को आपके साथ जिया है: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं सभी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के परिवार को भी सलाम करता हूं. उनका मौन लेकिन बहुत महत्वपूर्ण समर्थन आपके साथ रहा। हम असफल हो सकते हैं, लेकिन इससे हमारे जोश और ऊर्जा में कमी नहीं आएगी। हम फिर पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ेंगे।
 
उन्होंने कहा कि अपने वैज्ञानिकों से मैं कहना चाहता हूं कि भारत आपके साथ है। आप सब महान प्रोफेशनल हैं जिन्होंने देश की प्रगति के लिए संपूर्ण जीवन दिया और देश को मुस्कुराने और गर्व करने के कई मौके दिए। आप लोग मक्खन पर लकीर करनेवाले लोग नहीं हैं पत्थर पर लकीर करने वाले लोग हैं।
 
प्रधानमंत्री ने कहा, साथियों मैं कल रात को आपकी मनस्थिति को समझ रहा था। आपकी आंखें बहुत कुछ कह रही थीं। आपके चेहरे की उदासी मैं पढ़ पा रहा था। ज्यादा देर मैं आपके बीच नहीं रुका। कई रातों से आप सोए नहीं हैं। फिर भी मेरा मन करता था, कि एक बार सुबह आपको फिर से बुलाऊं। आपसे बातें करूं. इस मिशन के साथ जुड़ा हुआ हर व्यक्ति अलग ही अवस्था में था, बहुत से सवाल थे। बड़ी सफलता के साथ आगे बढ़ते गए। अचानक सब कुछ नजर आना बंद हो गया है। मैंने भी उस पल को आपके साथ जिया है।
 
सिर्फ 2.1 किमी पहले टूटा संपर्क
भारत के चंद्रयान-2 मिशन को शनिवार तड़के उस समय झटका लगा, जब लैंडर विक्रम से चंद्रमा के सतह से महज दो किलोमीटर पहले इसरो का संपर्क टूट गया। इसके साथ ही 978 करोड़ रुपये लागत वाले चंद्रयान-2 मिशन के भविष्य पर सस्पेंस बन गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने संपर्क टूटने का ऐलान करते हुए कहा कि चंद्रमा की सतह से 2.1 किमी पहले तक लैंडर का काम प्लानिंग के मुताबिक था। उन्होंने कहा कि उसके बाद उसका संपर्क टूट गया।
 
शनिवार तड़के लगभग 1.38 बजे जब 30 किलोमीटर की ऊंचाई से 1,680 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से 1,471 किलोग्राम के विक्रम चंद्रमा ने सतह की ओर बढ़ना शुरू किया, तब सबकुछ ठीक था. इसरो ने एक आधिकारिक बयान में कहा, 'यह मिशन कंट्रोल सेंटर है। विक्रम लैंडर उतर रहा था और लक्ष्य से 2.1 किलोमीटर पहले तक उसका काम सामान्य था। उसके बाद लैंडर का संपर्क जमीन पर स्थित केंद्र से टूट गया. आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है।'
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS