राष्ट्रीय
भ्रष्टाचार और गंभीर अनियमितताओं के आरोप में CBIC के 22 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन किया रिटायर
By Deshwani | Publish Date: 26/8/2019 12:16:59 PMनई दिल्ली। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने आज 22 और वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया है। जनहित के मौलिक नियम 56(जे) के तहत 22 अधीक्षक/एओ रैंक के वरिष्ठ अधिकारियों को रिटायर किया गया है। इन सभी पर भ्रष्टाचार और गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगे हैं।
पहले भी सरकार ले चुकी है फैसला
यह पहली बार नहीं है जब केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड में वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया है। इससे पहले बीते जून महीने में 15 अधिकारियों की छुट्टी की गई थी। ये अधिकारी CBIC के प्रधान आयुक्त, आयुक्त, और उपायुक्त रैंक के थे। इनमें से ज्यादातर के खिलाफ भ्रष्टाचार, घूसखोरी के आरोप हैं। वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालते ही टैक्स विभाग के 12 वरिष्ठ अफसरों को जबरन रिटायर कर दिया था। यानी अब तक कुल 49 अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया है।
क्या है फंडामेंटल रूल 56?
दरअसल, फंडामेंटल रूल 56 का इस्तेमाल ऐसे अधिकारियों पर किया जा सकता है जो 50 से 55 साल की उम्र के हों और 30 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। सरकार के पास यह अधिकार है कि वह ऐसे अधिकारियों को अनिर्वाय रिटायरमेंट दे सकती है। ऐसा करने के पीछे सरकार का मकसद नॉन-परफॉर्मिंग सरकारी सेवक को रिटायर करना होता है। ऐसे में सरकार यह फैसला लेती है कि कौन से अधिकारी काम के नहीं हैं। यह नियम बहुत पहले से ही प्रभावी है।